वर्ष 2020 में लद्दाख सीमा पर खूनी झड़प के बाद शुक्रवार को भारत और चीन के रक्षा मंत्री पहली बार आमने सामने बैठे। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीनी समकक्ष जनरल ली शांगफू के साथ मुलाकात हुई। इस दौरान भारत ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए सीमा पर शांति कायम रखने की जरूरत पर जोर दिया।
Held discussions with China’s Defence Minister, General Li Shangfu in New Delhi. https://t.co/Pd5mFnrbhH pic.twitter.com/zmU0uXVR8D
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 27, 2023
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन द्वारा समझौतों के उल्लंघन से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का पूरा आधार नष्ट हो चुका है। भारत चीन से संबंध सुधारना चाहता है लेकिन इसके लिए पहले सीमा पर शांति स्थापित करनी होगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग तभी बढ़ सकता है, जब सीमा पर शांति हो। बैठक के बाद में जारी बयान में कहा गया कि राजनाथ सिंह ने चीन को स्पष्ट कर दिया कि दोनों देशों के संबंधों सीमा पर शांति और अमन-चैन पर टिके हैं। ऐसे में वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुसार हल करने की आवश्यकता है।
लद्दाख में चीनी सेना द्वारा अतिक्रमण करने के बाद साल 2020 में गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। चीन के भी काफी सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीन ने कभी उनकी असल संख्या का खुलासा नहीं किया। गलवान की घटना के बाद भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच 18 दौर की बातचीत हो चुकी है।
सैन्य बातचीत के दौरान हॉट स्प्रिंग्स, गलवान और पैंगोंग झील के उत्तरी तट सहित लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण डेमचोक और डेपसांग में हालात को सामान्य बनाने में ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है। वहां पर चीन ने भारतीय क्षेत्र के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। अक्सर ऐसी खबरें आती रही हैं कि चीन लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों में भारतीय क्षेत्र को अलग थलग करने की कोशिश कर रहा है। सड़कों और हवाई पट्टियों का निर्माण करके अपनी स्थिति मजबूत बनाने में जुटा हुआ है।
चीन के रक्षा मंत्री नई दिल्ली में होने वाली SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत पहुंचे हैं। इस बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह करेंगे। इस बैठक में रूस, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, ईरान और कजाकिस्तान आदि देशों के रक्षा मंत्री भी हिस्सा लेंगे। हालांकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भारत नहीं आएंगे और ऑनलाइन ही बैठक में शामिल होंगे।