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भारत ने अमेरिका के समक्ष उठाया POK में अमेरिकी दूत की यात्रा का मुद्दा

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत की यात्रा का मुद्दा अमेरिकी पक्ष के समक्ष उठाया है।

बीते रोज पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की गिलगित और हुंजा घाटियों की यात्रा का भारत ने अमेरिकी के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज किया है। यह जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी है। इससे पहले डोनाल्ड ब्लोम की यात्रा को भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कम महत्व देने का प्रयास किया था।

साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत की यात्रा के बारे में अमेरिकी पक्ष के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाया है और यात्रा का विरोध किया है। जम्मू-कश्मीर भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। यह भारत का अभिन्न अंग है और इसी के चलते इस क्षेत्र को लेकर हमारी स्थिति सर्वविदित है। भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आग्रह करता है कि वह भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे।

आपको बता दें कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले पीओके की अमेरिकी दूत की यात्रा के बाद भारत में विवाद पैदा हो गया था। भारत सरकार का दावा है कि यह क्षेत्र भारत का है और इस क्षेत्र में किसी भी विदेशी प्रतिनिधि की यात्रा सरासर उल्लंघन है।

ऐसे में भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी ब्लोम की यात्रा को सामान्य बताने का प्रयास किया था। उन्होंने ब्लोम की यात्रा की तुलना G20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक से कर दी थी जो इस वर्ष भारत द्वारा 22 से 24 मई 2023 के बीच जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित की गई थी।

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए गार्सेटी ने ब्लोम की इस यात्रा का बचाव करते हुए कहा था कि कश्मीर के मुद्दे को दोनों देशों द्वारा हल किया जाना चाहिए। इसमें अमेरिका सहित किसी भी देश का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

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