अमेरिका के ताकतवर सीनेटर चक शूमर का कहना है कि चीन के खिलाफ अमेरिका को जैसा साझेदार चाहिए, भारत ठीक उसी तरह का पार्टनर है। शूमर ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की धौंसबाजी के खिलाफ दुनिया के दोनों बड़े लोकतंत्रों के साथ मिलकर काम करने के पक्ष में हैं।
बता दें कि चक शूमर की अगुआई में हाल ही में अमेरिका के सीनेटर्स का एक प्रतिनिधिमंडल भारत, पाकिस्तान, जर्मनी और इस्राइल का दौरा करके अमेरिका लौटा है। चक शूमर ने सोमवार को सीनेट में साथी सीनेटर्स को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान हमने बहुत महत्वपूर्ण संदेश दिया। कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुकाबला करने के लिए भारत और अमेरिका को एक साथ आने की जरूरत है। भारत बिल्कुल उसी तरह का सहयोगी है, जैसा कि अमेरिका को चीनी चालबाजियों को रोकने के लिए चाहिए।
शूमर ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और काफी युवा देश है। आने वाले समय में वह तेजी से विकास करेगा। शूमर ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि अगर हमारे देशों को इस सदी में समृद्ध बनना है तो हमें साथ मिलकर काम करना पड़ेगा। हमें ना सिर्फ अपना रक्षा सहयोग मजबूत करना होगा बल्कि आर्थिक और व्यापारिक सहयोग भी बढ़ाना होगा।
सीनेटर शूमर ने कहा कि भविष्य की तकनीक में भी भारत और अमेरिका को एकदूसरे का साथ देना होगा। फिलहाल दुनियाभर के देश कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, अक्षय ऊर्जा, सेमीकंडक्टर निर्माण आदि क्षेत्रों में चीन से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका समेत दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों को यह प्रयास करना चाहिए कि ये तकनीक समृद्धि का जरिया बनें, ना कि निरंकुश शासन के हथियार।
गौरतलब है कि चक शूमर के साथ सीनेटर रॉन वायडेन, जैक रीड, मारिया कैंटवेल, एमी क्लोबुचर, मार्क वार्नर, गैरी पीटर्स, कैथरीन कोर्टेज-मास्टो और पीटर वेल्च आदि भी भारत यात्रा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने जयपुर, आगरा, मुंबई और दिल्ली की यात्रा की थी। चक शूमर ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत एक शानदार देश है। अतुलनीय है। अमेरिका में भारतीय डायस्पोरा बहुत बड़ा है। 21वीं सदी में हमारी पार्टनरशिप को आगे ले जाने की काफी संभावनाएं हैं।