भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। 19 अप्रैल को जारी संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है जबकि चीन की आबादी 142.57 करोड़ है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या डैशबोर्ड के अनुसार 2023 के मध्य तक वैश्विक आबादी 8.045 अरब हो जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि पूरे ग्रह पर 10.4 अरब तक आबादी पहुंचने के बाद 2090 के दशक में गिरावट होने की उम्मीद है। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार 1950 के बाद से भारत की जनसंख्या में एक अरब से अधिक लोगों की वृद्धि हुई है। 1950 से ही संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या डेटा एकत्र करना शुरू किया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो अब दुनिया का हर पांचवां शख्स भारतीय है। अनुमान के मुताबिक भारत की जनसंख्या 2050 तक बढ़ेगी। कहा जा रहा है कि यह 166.8 करोड़ हो जाएगी। जबकि चीन की जनसंख्या लगभग 131.7 करोड़ तक पहुंचेगी। पिछले साल चीन में जनसंख्या 1960 के बाद पहली बार कम हुई थी। बीजिंग ने 2016 में अपनी सख्त ‘वन-चाइल्ड पॉलिसी’ को समाप्त कर दिया था। यह पॉलिसी 1980 के दशक में अत्यधिक जनसंख्या के डर के बीच लागू की गई थी। हालांकि 2021 में तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी गई थी।
आपको बता दें कि बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए कार्यबल में प्रवेश करने वाले लाखों लोगों के लिए रोजगार सृजित करना एक चुनौती है। भारत में खेती से जुड़ी नौकरियां व व्यवसाय कम हो रहे हैं। भारत में आधी आबादी 30 वर्ष से कम आयु की है और भारत भारत आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।
क्या कहते हैं वैश्विक आंकड़ें
यूएन के आंकड़ों के अनुसार अफ्रीका में भी तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है। अनुमान है कि दुनिया के दूसरा सबसे बड़े महाद्वीप अफ्रीका में साल 2100 तक जनसंख्या में 1.4 से 3.9 अरब की वृद्धि होगी। हालांकि जापान में बढ़ती उम्र वालों की आबादी के कारण जनसंख्या में गिरावट देखने को मिल रही है।