यूक्रेन में युद्ध की वजह से भारतीय छात्रों की पढ़ाई को प्रभावित होने से रोकने के लिए भारत सरकार अपने विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है। फरवरी में रूस की ओर से यूक्रेन में हमला शुरू किए जाने के बाद से लगभग 22,500 नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कराई जा चुकी है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
“#Children constitute a third of humanity-the most important third, as they are our future. They are also the most vulnerable to suffering, particularly in situations of armed conflict & therefore need additional protection & care”#India’s🇮🇳remarks at #UNSC meeting on #Ukraine pic.twitter.com/HQG88EHgr7
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) December 6, 2022
यूक्रेनः बच्चों एवं नागरिकों के हितों की रक्षा विषय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंबोज ने कहा कि यूक्रेन संकट की वजह से देश भर में 75 लाख से ज्यादा बच्चों पर बुरा असर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ये नहीं भूलना चाहिए कि इस संकट से काफी तादाद में विदेश छात्र भी प्रभावित हुए हैं। इनमें भारत के भी छात्र हैं। कंबोज ने यूक्रेन के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि इस संकट की वजह से बहुत से लोगों की जानें गई हैं। नागरिकों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं समेत तमाम लोग बेघर हो गए हैं। उन्हें पड़ोसी देशों शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा है।