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स्वदेशी रक्षा निर्माण पर लगातार आगे बढ़ रहा है भारत, ये हैं इसके कारण

भारत दुनिया का बड़ा हथियार आयातक देश रहा है। लेकिन केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से भारत अब रक्षा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरत की तरफ आगे बढ़ रहा है। भारत ने 928 ऐसे सैन्य उपकरणों की लिस्ट जारी की है, जिनका निर्माण देश में ही किया जाएगा।

भारत सरकार ने 928 ऐसे सैन्य उपकरणों की लिस्ट जारी की है, जिनका निर्माण भारत में ही किया जाएगा। फोटो : ट्विटर @timesofindia

भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को लगातार बढ़ावा दे रही है। ऐसे में सरकार का फोकस लगातार देश सें स्वदेशी रक्षा निर्माण पर है। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय (MoD) ने 928 ऐसे सैन्य उपकरणों की लिस्ट जारी की है, जिनका निर्माण भारत में ही किया जाएगा। इसके साथ ही आने वाले समय में इनके आयात पर बैन लगाया जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य महत्व के 928 लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट, सब-सिस्टम्स, स्पेयर एंड कंपोनेंट्स की चौथी रचनात्मक स्वदेशीकरण सूची को मंजूरी दी है। इसमें हाई-ऐंड-मैटीरियल्स और अतिरिक्त उत्पाद सहित 715 करोड़ मूल्य के आयात वाले सामान शामिल हैं। इससे पहले ऐसी ही तीन सूची दिसंबर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में जारी की जा चुकी हैं। इन तीनों सूचियों में 1238 (351, 107, 780) आइटम हैं जो दी गई समय सीमा के भीतर स्वदेशी किए जाएंगे। अब तक देश में 1,238 में से 310 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया जा चुका है। इसमें पहली सूची के 262, दूसरी सूची के 11 और तीसरी सूची के 37 आइटम शामिल हैं। अब चौथी सूची में 928 आइटम शामिल किए गए हैं।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में बताया कि रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम (PSU) इस स्वदेशीकरण को विभिन्न साधनों के माध्यम से पूरा करेंगे। कुछ को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विकसित करेंगे और कुछ निजी भारतीय उद्योग बनाएंगे। इससे अर्थव्यवस्था में विकास, रक्षा-क्षेत्र में निवेश और रक्षा के सार्वजनिक उपक्रमों के आयात में कमी आएगी। इसके साथ ही घरेलू रक्षा उद्योग में अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों के शामिल होने से रक्षा उपकरणों की डिजाइन क्षमता भी बढ़ेगी।

दरअसल बीते चार से पांच वर्षों में भारत ने हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं। जिसमें भारत में निर्मित हथियारों के लिए अलग बजट का प्रावधान, रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना और कई हथियारों की खरीद पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम शामिल हैं। भारत में हथियारों के निर्माण पर जोर का ही असर है कि इस बार के बजट में भारतीय हथियारों को खरीदने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।

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