भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को लगातार बढ़ावा दे रही है। ऐसे में सरकार का फोकस लगातार देश सें स्वदेशी रक्षा निर्माण पर है। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय (MoD) ने 928 ऐसे सैन्य उपकरणों की लिस्ट जारी की है, जिनका निर्माण भारत में ही किया जाएगा। इसके साथ ही आने वाले समय में इनके आयात पर बैन लगाया जाएगा।
India has announced a fresh list of #ImportBan on 928 military equipment in its latest push for self-reliance in the manufacturing of defence itemshttps://t.co/iEemP7qyat
— WION (@WIONews) May 15, 2023
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य महत्व के 928 लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट, सब-सिस्टम्स, स्पेयर एंड कंपोनेंट्स की चौथी रचनात्मक स्वदेशीकरण सूची को मंजूरी दी है। इसमें हाई-ऐंड-मैटीरियल्स और अतिरिक्त उत्पाद सहित 715 करोड़ मूल्य के आयात वाले सामान शामिल हैं। इससे पहले ऐसी ही तीन सूची दिसंबर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में जारी की जा चुकी हैं। इन तीनों सूचियों में 1238 (351, 107, 780) आइटम हैं जो दी गई समय सीमा के भीतर स्वदेशी किए जाएंगे। अब तक देश में 1,238 में से 310 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया जा चुका है। इसमें पहली सूची के 262, दूसरी सूची के 11 और तीसरी सूची के 37 आइटम शामिल हैं। अब चौथी सूची में 928 आइटम शामिल किए गए हैं।
We have now released the fourth positive indigenisation list of 928 strategically important components for DPSUs taking the total number of components to 4666. These components will now be sourced locally: Raksha Mantri
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 15, 2023
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में बताया कि रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम (PSU) इस स्वदेशीकरण को विभिन्न साधनों के माध्यम से पूरा करेंगे। कुछ को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विकसित करेंगे और कुछ निजी भारतीय उद्योग बनाएंगे। इससे अर्थव्यवस्था में विकास, रक्षा-क्षेत्र में निवेश और रक्षा के सार्वजनिक उपक्रमों के आयात में कमी आएगी। इसके साथ ही घरेलू रक्षा उद्योग में अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों के शामिल होने से रक्षा उपकरणों की डिजाइन क्षमता भी बढ़ेगी।
Government bans import of 928 items to promote domestic defence industryhttps://t.co/Mt38F0b0p9
— All India Radio News (@airnewsalerts) May 15, 2023
दरअसल बीते चार से पांच वर्षों में भारत ने हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं। जिसमें भारत में निर्मित हथियारों के लिए अलग बजट का प्रावधान, रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना और कई हथियारों की खरीद पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम शामिल हैं। भारत में हथियारों के निर्माण पर जोर का ही असर है कि इस बार के बजट में भारतीय हथियारों को खरीदने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
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