भारत में उच्च शिक्षा की उन्नत सुविधाएं अब विदेशी छात्रों को भी लुभा रही हैं। भारत सरकार इसे और धार देने की तैयारी में है। इसका संकेत नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम के उस बयान से मिलता है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत 2047 तक पांच लाख विदेशी छात्रों को दाखिला देने का लक्ष्य बना रहा है।
सुब्रमण्यम ने 18वें फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी से उच्च शिक्षा क्षेत्र का बड़ा उछाल आने वाला है। ऐसे में विश्वविद्यालयों को प्रासंगिक और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बड़े पैमाने पर अपनाना होगा।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग 2047 के लिए एक विज़न डॉक्यूमेंट बना रहा है जिसमें शिक्षा की अहम भूमिका है। इसमें एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि 2047 तक भारत का लक्ष्य पांच लाख विदेशी छात्रों को आकर्षित करना है। इसके लिए हमें अपनी गुणवत्ता, ब्रांड वैल्यू के साथ ही विश्व स्तर पर रैंकिंग में सुधार करना होगा।
नीति आयोग के सीईओ ने भारत में और अधिक एजुकेशन सिटी बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे उच्च शिक्षा इकोसिस्टम का विस्तार करें, घरेलू छात्रों को देश में ही पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें, साथ ही अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों भारत की ओर आकर्षित करने में मदद करें।
नई प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रासंगिक और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए विश्वविद्यालयों को एआई को बड़े पैमाने पर अपनाना होगा। उम्मीद है कि छात्रों की सही विचार प्रक्रिया विकसित करने में विश्वविद्यालय निश्चित रूप से बड़ी भूमिका निभाएंगे।