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मात्र 4 मिनट में कनाडा के उच्चायुक्त को देश छोड़ने का दिया आदेश!

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैक्केय मंगलवार सुबह नई दिल्ली स्थित भारत के विदेश मंत्रालय में 10 बजकर 26 मिनट पर जाते हुए दिखे और ठीक चार मिनट बाद यानी 10 बजकर 30 मिनट पर वह बाहर आ गए। उनके चेहरे के हाव-भाव गंभीर थे।

भारत और कनाडा के बीच रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान पर करारा जवाब देते हुए भारत ने उसके एक राजनयिक को 5 दिन के भीतर नई दिल्ली छोड़ने का फरमान सुनाया है और ऐसा मात्र चार मिनट में हुआ है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैक्केय मंगलवार सुबह नई दिल्ली स्थित भारत के विदेश मंत्रालय में 10 बजकर 26 मिनट पर जाते हुए दिखे और ठीक चार मिनट बाद यानी 10 बजकर 30 मिनट पर वह बाहर आ गए। उनके चेहरे के हाव-भाव गंभीर थे। पत्रकारों ने कैमरून से सवाल पूछने की कोशिश की तो उन्होंने बिना जवाब दिए गाड़ी में बैठकर दरवाजा बंद कर लिया और चले गए।

आपको बता दें कि मामला तब बिगड़ा जब कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया और इसी के साथ उन्होंने भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का भी आदेश दे दिया।

इस पर पहले भारत ने सुबह पलटवार करते हुए आरोपों को सफेद झूठ बताया और कुछ देर बार भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैक्केय को विदेश मंत्रालय में बुलाकर जमकर फटकार लगाई। इसके अलावा मंत्रालय ने कैमरून को 5 दिन के भीतर भारत छोड़ने का आदेश भी सुना दिया। ऐसा मात्र 4 मिनट के भीतर हुआ।

इससे पहले भारत ने बयान जारी करते हुए कहा था कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के इस संबंध में दिए गए बयानों को खारिज करता है। भारत एक लोकतांत्रिक प्रजातंत्र है, जो कानून के शासन पर विश्वास करता है। वह इस तरह की किसी भी गतिविधि में कभी भी शामिल नहीं रहा है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री के उनकी संसद में दिए गए बयान को देखा है। इसके साथ ही कनाडा के विदेश मंत्री के बयान को भी सुना है। भारत इसको खारिज करता है। कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री से भी इस विषय को लेकर बात की थी। जिसे भारतीय प्रधानमंत्री ने पूरी तरह से खारिज कर दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा में भारत के किसी भी हिंसक गतिविधि में शामिल होने संबंधी बयान बेबुनियाद और किसी अन्य ही उद्देश्य से प्रेरित लगते हैं।

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