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सिंधी समाज का इतिहास जानना चाहते हैं तो इस पुस्तक को पढ़ सकते हैं

लेखक विकास भार्गव इस पुस्तक से पहले वह 32 पुस्तकें लिख चुके हैं। अरब वर्ल्ड के ऊपर उनकी लिखी गई पुस्तक 'सोच' इस विषय में लिखी गई पहली हिंदी की पुस्तक है। अफ्रीका पर लिखी दो पुस्तकें भी खासी चर्चा में रही हैं।

इस पुस्तक में सिंध और सिंधी की कहानी है। सभी फोटो: संजय गोयल

सिंधी समाज के इतिहास पर लिखी पुस्तक ‘मोस्ट आईकॉनिक सिंधीज ऑफ द वर्ल्ड’ का विमोचन नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में किया गया। इस मौके पर सिंधी समाज के सांसद शंकर लालवानी, पुस्तक के लेखक विकास भार्गव व सिंधी अकादमी दिल्ली के सचिव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पुस्तक का अवलोकन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी कर चुके हैं।

हाल ही में आयोजित विमोचन कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी ने विकास भार्गव को उनके इस कार्य के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि गैर सिंधी होते हुए भी उन्होंने सिंधी इतिहास पर पुस्तक लिखी। इस तरह की अवधारणा और आयोजन से सिंधी समाज के योगदान को दुनिया में प्रदर्शित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूएई और दुनिया के लिए, विशेष रूप से सिंधी समुदाय के लिए भारतीय महान योगदानकर्ता हैं।

भारतीय लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला भी इस पुस्तक का अवलोकन कर चुके हैं। 

पुस्तक के लेखक विकास भार्गव ने जानकारी दी कि सिंधी समाज पर लिखी पुस्तक देश में पहली पुस्तक है। यह पुस्तक अपने आप में अनूठी है क्योंकि यह सिंध और सिंधी की कहानी है, जिसे एक गैर सिंधी ने प्रकाशित किया है। वह इस समाज से अत्याधिक प्रभावित है। इस किताब में दुनिया के 16 देशों के 61 सिंधी लोगों को शामिल किया गया है।

लेखक विकास भार्गव  इस पुस्तक से पहले वह 32 पुस्तकें लिख चुके हैं। अरब वर्ल्ड के ऊपर उनकी लिखी गई पुस्तक 'सोच' इस विषय में लिखी गई पहली हिंदी की पुस्तक है। अफ्रीका पर लिखी दो पुस्तकें भी खासी चर्चा में रही हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश पर भी उन्होंने पुस्तकें लिखी हैं, जिन्हें पाठकों का भरपूर प्यार मिला है।

संसद की लाइब्रेरी में लोकसभा सांसद शंकर लालवानी लेखक से विचार विमर्श करते हुए। 

दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स से मास्टर्स की पढ़ाई कर चुके विकास भार्गव ने बताया कि उन्होंने दर्जनों ऐड फिल्में और विज्ञापन लेखन का काम भी किया है। उन्होंने बताया कि उनकी अगली पुस्तक जैन धर्म को लेकर रहेगी। उनका प्रयास होगा कि वे अपनी इस पुस्तक में जैन धर्म और इस समुदाय के लोगों का देश और समाज में योगदान व उपलब्धियों को आमजन तक पहुंचाया जाए। इसके बाद लेखक की इच्छा यूपी  गौरव, फिर कोरियन पर उनकी भाषा में  पुस्तक लिखने की है। गौरतलब है कि मानवाधिकार कार्यकर्ता विकास भार्गव फिलहाल दुबई में रह रहे हैं और वहीं से पुस्तक लेखक के तौर पर लगातार सक्रिय है।

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