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इन बातों पर ध्यान देंगे तो ही मिल सकता है एक्सरसाइज का लाभ

योगासन करने के दौरान जब आप सांसों पर ध्यान देते हैं तो आपको इसकी गति का हमेशा पता चलता रहता है। जब आपका फोकस सांसों पर रहता है तो इसकी गति नियंत्रित रहती है। जिम में आमतौर पर सांसों पर कोई फोकस नहीं रहता है। तेज संगीत के साथ लगातार एक्सरसाइज करने से इसका असर दिल पर पड़ सकता है।

Photo by kike vega / Unsplash

वह दुखद घटना आपको याद होगी जब जिम में एक्सरसाइज करते हुए दक्षिण भारत के सुपरस्टार पुनित राजकुमार की अचानक मौत हो गई थी। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। ऐसे कई घटनाएं सामने आई हैं जहां जिम में एक्सरसाइज करते हुए अचानक हार्ट फेल हो जाने से किसी की मौत हो गई है। मशहूर टीवी अभिनेता वीर सूर्यवंशी, मशहूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव भी ऐसे ही जिम में कसरत करते हुए मौत की गोद में समा गए थे।

योग की शुरुआत ही फोकस्ड माइंड के साथ होता है।Photo by Dane Wetton / Unsplash

वैसे, दिल का दौरा पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। और इसका शिकार कोई भी हो सकता है। ऐसे में क्या हम एक्सरसाइज को ही छोड़ दें? सवाल उठता है कि कसरत, जो शरीर को तंदरुस्त और चुस्त दुरुस्त रखने का माध्यम है, वह इस तरह से जानलेवा कैसे हो गया है। इसका क्या समाधान है? दरअसल इस सवाल का जवाब हमें योग से मिल सकता है। अगर जिम में भी हम अगर योग के इन नियमों का पालन करेंगे तो किसी प्रकार के खतरे से बच सकते हैं।

जिम में आमतौर पर सांसों पर फोकस नहीं रहता है। Photo by GRAHAM MANSFIELD / Unsplash

योग की शुरुआत ही फोकस्ड माइंड के साथ होता है। जिम में इसकी कोई जरूरत नहीं होती है। जिम में अक्सर फास्ट म्यूजिक के साथ लोग कसरत करते हुए नजर आ जाएंगे। लेकिन योगासन ऐसे नहीं किया जा सकता है। योगासन के लिए जरूरी है कि आपका ध्यान पूरी तरह से आपकी सांसों और योगासन के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन पर हो। इसके बिना योगासन भी एक आम तरह का कसरत ही है।

योगासन करने के दौरान जब आप सांसों पर ध्यान देते हैं तो आपको इसकी गति का हमेशा पता चलता रहता है। जब आपका फोकस सांसों पर रहता है तो इसकी गति नियंत्रित रहती है। अगर मान लीजिए, सांसों की गति तेज हो जाए तो योग प्रशिक्षक आपको थोड़ी देर विश्राम करने की सलाह देते हैं। या अगर आप इस नियम से खुद वाकिफ हैं तो सांसों के तेज होने पर आप थोड़ी देर विश्राम करते हुए लंबी गहरी सांस लेंगे। लंबी गहरी सांस के साथ शरीर और मन पूरी तरह से शांत हो जाता है।

वहीं, जिम में आमतौर पर सांसों पर कोई फोकस नहीं रहता है। तेज संगीत के साथ लगातार एक्सरसाइज करने से इसका असर दिल पर पड़ सकता है। जिम में अक्सर हमार ध्यान शरीर को सिक्स पैक, मसल्स को घुमावदार बनाने पर रहता है। इस टागगेट को ध्यान में रखते हुए हम बिना सोचे समझे तेज गति से अपने शरीर की सीमा से बाहर जाकर एक्सरसाइज करते हैं। और यही सबसे बड़ा खतरा है।

आप जिम जाएं या घर पर योगासन करें, मर्यादा की सीमा रेखा का कभी उल्लंघन नहीं करें। सबसे पहले शरीर की क्षमता को पहचानें। आपका शरीर खुद आपको बताएगा कि कौन सा आसन या एक्सरसाइज कितनी देर तक करना है। जिम हो या योगासन हमेशा योग्य प्रशिक्षक की सलाह पर ही करें। बिना डॉक्टर की सलाह के जिमवालों के कहने पर बाजार में मिलने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट न लें, यह भी नुकसानदायक हो सकता है। इन बातों का अगर ध्यान रखेंगे तो वास्तव में हम एक्सरसाइज का फायदा उठा सकते हैं।      

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