साल 2024 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवारी का दावेदारी करने वाले भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने घोषणा की है कि अगर वह निर्वाचित होते हैं तो उन सभी अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा देंगे जो चीन के साथ व्यापार कर रही हैं।
कंजरवेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में अपने संबोधन के दौरान विवेक ने कहा कि मुझे लगता है कि ईमानदार होना ज्यादा जरूरी है। अगर हम चीन से छुटकारा चाहते हैं तो हमें चीन क साथ व्यापार करने वाले अधिकांश अमेरिकी व्यवसायों पर तब तक प्रतिबंध लगाना होगा जब तक कि चीन में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सत्ता है या फिर जब तक वो खुद में परिवर्तन नहीं करते।
बता दें कि CPAC उन महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है जो रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार के अभियानों का प्रारंभिक आधार तैयार करने में मदद करता है। इस दौरान 37 वर्षीय रामास्वामी ने एफबीआई और अमेरिकी शिक्षा विभाग को भंग करने सहित कई विचार भी रखे। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कह चुका हूं कि पहली एजेंसी जिसे हम बंद करना चाहेंगे वह है अमेरिकी शिक्षा विभाग। अब इसके अस्तित्व का कोई कारण नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा आज मैं एक और सरकारी एजेंसी को बंद करने की घोषणा करना चाहता हूं। इसे तो 60 साल पहले ही बंद हो जाना चाहिए था। इसने रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स को समान रूप से आहत किया है। वो एजेंसी है एफबीआई। इसे बंद करने और इसकी जगह लेने के लिए कुछ नया बनाने का समय आ गया है।
CPAC का समापन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथी रिपब्लिकन को संबोधित करने के साथ हुआ। ट्रंप ने निक्की हेली और विवेक रामास्वामी की टिप्पणियों के बाद लगभग 90 मिनट तक अपनी बात रखी। ट्रंप ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की कुछ पहलों पर सवाल उठाए। कहा कि सत्ता में आते ही वह यूक्रेन युद्ध को रोकेंगे और अन्य देशों को अमेरिकी फंडिंग कम करेंगे।