भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली राजकीय यात्रा से पहले आज वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत एक उच्च, गहरी और व्यापक प्रोफाइल वाला देश है और विश्व में एक भूमिका का हकदार है। नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंध पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और गहरे हैं। दोनों देशों के नेताओं के बीच अभूतपूर्व विश्वास है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू होगी। 21 जून को वह यूएन मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे।
As PM @narendramodi is en route to USA, a peek into various facets of the consequential 🇮🇳-🇺🇸 relationship. pic.twitter.com/TDt3yjvWat
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) June 20, 2023
मोदी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए साक्षात्कार में कहा कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों व विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि मैं स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं और इसलिए मेरे विचार, मेरा आचरण, मैं जो कहता और करता हूं, वह मेरे देश की विशेषताओं और परंपराओं से प्रेरित और प्रभावित है। मैं इससे अपनी ताकत हासिल करता हूं। मैं दुनिया के सामने मेरे देश को वैसे ही पेश करता हूं जैसा वो है।
मोदी ने कहा कि हम भारत को किसी भी देश की जगह लेने वाले के रूप में नहीं देखते हैं। हम भारत को दुनिया में अपना सही स्थान प्राप्त करने के रूप में देखते हैं। दुनिया आज पहले से कहीं अधिक इंटरकनेक्ट और इंटरडिपेंडेंट है। इसी वजह से सप्लाई चैन को लेकर अधिक विविधीकरण होना जरूरी है।

चीन के साथ संबंधों पर मोदी
मोदी ने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन जरूरी है। संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों व विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों को कूटनीति और संवाद से सुलझाया जाना चाहिए न कि युद्ध से।
संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता पर मोदी
भारत एक अधिक उच्च, गहरी और व्यापक प्रोफाइल और एक भूमिका का हकदार है। हम भारत को किसी देश की जगह लेने के रूप में नहीं देखते हैं। हम इस प्रक्रिया को भारत द्वारा विश्व में अपना सही स्थान प्राप्त करने के रूप में देखते हैं।
यूक्रेन युद्ध पर मोदी
कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं। लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्ष में हैं। दुनिया को पूरा भरोसा है कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है। भारत जो कुछ भी कर सकता है वह करेगा। संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के सभी वास्तविक प्रयासों का भारत समर्थन करता है।
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