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जम्मू-कश्मीर के लिए किस तरह से ‘पुल’ का काम करेगा चिनाब रेलवे पुल?

लंबे इंतजार के बाद चिनाब रेलवे पुल को दिसंबर 2023 के अंत या जनवरी 2024 तक खोल दिया जाएगा। ऐसे में कश्मीर घाटी और देश के अन्य हिस्सों के बीच रेल संपर्क से क्षेत्र के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को विशेष रूप से बढ़ावा मिलेगा।

दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे पुल भारत के जम्मू कश्मीर में बनकर तैयार (फोटो : ट्विटर @tann_bhat)

लंबे इंतजार के बाद दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल (चिनाब रेलवे पुल) भारत के जम्मू कश्मीर में बनकर तैयार हो गया है। रेल मंत्रालय का कहना है कि यह पुल दिसंबर 2023 के अंत या जनवरी 2024 तक खोल दिया जाएगा। विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन का कहना है कि इसे भारत सरकार की तरफ से क्षेत्र के विकास के लिए एक और बड़ी जीत के रूप में पेश किया जाएगा।

दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे पुल एफिल टॉवर से 29 मीटर (95 फीट से अधिक) लंबा है। यह चिनाब नदी से 359 मीटर (लगभग 1,180 फीट) ऊपर स्थित है। 1,315 मीटर लंबा (4,314 फीट) पुल भारतीय रेलवे नेटवर्क द्वारा कश्मीर घाटी को सुलभ बनाने के लिए एक व्यापक परियोजना का हिस्सा है। यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) का हिस्सा है। जो कि 35000 करोड़ रुपये की एक ड्रीम परियोजना है।

2014 में राष्ट्रवाद और समग्र विकास के वादे के साथ भारत की जनता ने पीएम मोदी के हाथों देश की कमान सौंपी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चिनाब रेल पुल और व्यापक रेल लिंक परियोजना को सामाजिक एकीकरण और राजनीतिक प्रभाव के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में देखा जा सकता है, जो अलग-अलग क्षेत्रों को प्रमुख शहरों से जोड़ता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कश्मीर घाटी और देश के अन्य हिस्सों के बीच रेल संपर्क से क्षेत्र के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को विशेष रूप से बढ़ावा मिलेगा। अब स्थानीय जनता को मौसम की मार की वजह से बाकी हिस्सों से कट जाने की पीड़ा भी नहीं सहनी होगी। बता दें कि अब तक कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र भूमि मार्ग 300 किलोमीटर (185 मील) श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग था। लेकिन यह सर्दियों के दौरान बंद हो जाता है। चिनाब पुल के बन जाने से सबसे अधिक खुशी स्थानीय लोगों को हो रही है।

न्यू कश्मीर फ्रूट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनिल कुमार मेहंदरू का कहना है कि हमें सड़क मार्ग से कई समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। एक बार जब हम बाकी भारत के साथ ट्रेन से जुड़ जाएंगे तो यह इससे स्थानीय उद्योग, कृषि के साथ-साथ फलों के कारोबार को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च इन इंडिया के एक फेलो सुशांत सिंह का कहना है कि पुल के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं, क्योंकि इसे कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने के साधन के रूप में देखा जाता है। सिंह के अनुसार, चिनाब ब्रिज सहित रेलवे लिंक कश्मीर को भारत के हिस्से के रूप में और अधिक करीब महसूस करेगा। हालांकि सिंह कहते हैं कि इस पुल को स्थानीय कश्मीरी लोग किस नजरिये से देखते हैं, इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।

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