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हिल्सा मछली: स्वाद में जितनी लजीज, भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए उतनी ही अहम

बांग्लादेश हिल्सा मछली का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां के लोग इस मछली को भारत एक्सपोर्ट करके अच्छा लाभ कमाते हैं। बांग्लादेश ने जुलाई 2012 में भारत में हिल्सा का निर्यात बंद कर दिया था लेकिन साल 2019 में दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेशी सरकार ने यह प्रतिबंध हटा लिया था।

भारत और बांग्लादेश के बीच जब भी डिप्लोमेसी की बात की जाती है तो इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका हिल्सा मछली की देखने को मिलती है। हिल्सा डिप्लोमेसी काफी समय पहले लागू की गई थी और आज भी चलन में है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना हिल्सा डिप्लोमेसी का उपयोग दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए कर रही हैं।

Sweet water fish in the fish market in Bangladesh
दुनिया भर में होने वाले हिल्सा उत्पादन में बांग्लादेश ही हिस्सेदारी लगभग 86 फीसदी है। Photo by Salahuddin Apu / Unsplash

शेख हसीना ने सबसे पहले हिल्सा का उपहार के रूप में उपयोग 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के साथ दोनों देशों के बीच गंगा का पानी साझा करने के समझौते पर हस्ताक्षर से पहले किया था। इसके बाद जब 2010 में ममता बनर्जी भारत की रेल मंत्री थीं, तब उनके लिए भी शेख हसीना हिल्सा मछली लेकर आई थीं। ममता फिलहाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं।

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