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हर-हर महादेव: सिडनी में भारतीयों ने श्रद्धापूर्वक मनाई महाशिवरात्रि

शक्ति टेम्पल के अध्यक्ष कृष्णनन गॉउन्डेर ने न्यू इंडिया अब्रॉड से खास बातचीत में जानकारी दी कि "आज के भारतीय मूल के लोग यहां पूजा करने आते है हम लोग उन की धार्मिक इच्छाओ को पूर्ण करने की कोशिश करते हैं।

श्रद्धा विश्वास के साथ हुई शिवलिंग की पूजा अर्चना।

शिवरात्रि पर भारतीतय प्रवासियों ने आस्ट्रेलिया के सबसे पुराने शहर सिडनी के हर कोने से मंदिरो व शिवालयों का रुख किया। शनिवार को मनाए गए इस शिवरात्रि पर्व पर मंदिरो में भव्य सजावट देखने को मिली, सिडनी शक्ति टेम्पल में श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव के जयकारे के साथ जल व दूध से महादेव का अभिषेक किया। हालांकि मौसम का मिजाज थोड़ा ठीक नहीं था लेकिन आंधी और बारिश भी शिव भक्तो को डिगा नहीं पाई और भक्तो ने पूरे उल्लास और विश्वास के साथ महादेव का अभिषेक किया।

शक्ति टेम्पल में महादेव का दूध से अभिषेक करते श्रद्धालु।

सिडनी शक्ति टेम्पल के पुजारी आनंद गुरुक्कल ने बताया “इस बार महा शिवरात्रि शनिवार को प्रदोष के संयोग से है, जो एक अद्भुत और शुभ अवसर है, इसलिए यह शिव भक्तों के लिए एक बहुत ही महान दिन है। ऑस्ट्रेलिया में सभी बहुराष्ट्रीय भारतीय समुदाय सिडनी में रह रहे हैं, भारत के ब्राह्मण, पंजाबी गुजराती दक्षिण भारतीय उत्तर भारतीय, फिजी भारतीय और सभी भक्त महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा अर्चना, हवन को लेकर बहुत उत्साहित और भक्तिभाव से भरे रहते हैं। शिव के लिए अंतिम पूजा महाभिषेक रात 11:30 बजे से आधी रात तक हुआ, जिसमें चावल-आटा अभिषेकम, हल्दी पाउडर (हल्दी) अभिषेक, दूध, दही, अभिषेक पाउडर, नारियल, विभूति, चंदन, गन्ने का रस, तरबूज आदि से अभिषेक किया गया। खास बात यह है कि ज्यादातर भक्त रात की आरती तक रुके रहे।"

श्री शिवा मंदिर में भक्ति व उल्लास से भरे श्रद्धालुओं का संगम।

हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से फ़ागुन मास की कृष्णापक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला पर्व  महाशिवरात्रि का सनातन  धर्म में विशेष स्थान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर  शिव-पार्वती का विवाह हुआ था, शिवलिंग की उत्पत्ति हुई और ब्रह्मांड की रचना भी आज ही के दिन हुई थी। इसीलिए क्या देश क्या विदेश महादेव का हर भक्त साल के इस दिन का बड़े ही भक्तिभाव से इंतजार करता है। सिडनी शक्ति टेम्पल में भोले बाबा के अभिषेक आए भक्तो  में भारत के कश्मीर से ले कर कन्याकुमारी तक की सांस्कृतिक झलक देखने को मिली।

शक्ति टेम्पल के अध्यक्ष कृष्णनन गॉउन्डेर ने न्यू इंडिया अब्रॉड से खास बातचीत में जानकारी दी कि "आज के भारतीय मूल के लोग यहां पूजा करने आते हैं। हम लोग उन की धार्मिक इच्छाओ को पूर्ण करने की कोशिश करते हैं। यहां लोगो में वही श्रद्धा  है जो भारतवासियों में रहती है। यहां मंदिर में आकर लोग अपनी संस्कृति से जुड़ाव सा महसूस करते हैं। हम अलग अलग बैकग्राउंड से है लेकिन एक चीज जो सब में कॉमन है कि हम भारतीय हैं।"

शिवलिंग के सम्मुख विराजे नन्दी महाराज।

महाशिवरात्रि शिव और शक्ति को समर्पित एक ऐसा त्यौहारजो  भक्तो को शिव-शक्ति  दोनों को  पूजने का और लम्बे सुखी वैवाहिक जीवन व  मनोकामनाओ की पूर्ति  का आशीर्वाद पाने का   सुन्दर अवसर देता है। महाशिवरात्रि का पर्व जीवन में अंधकार और अज्ञानता पर काबू या उसे दूर करने के लिए भी विशेष माना जाता है।

महादेव की  पूजा करने आई  श्रद्धालु नीलम पांडे  कहती हैं "मैं झारखण्ड से हूं। हमारे यहां पर भव्य  विधि विधान से महाशिवरात्रि की पूजा होती है। आज हमने इंडिया की तरह यहां  भी उपवास किया और पूरे परिवार के साथ मिलकर घर पर शिव जी की पूजा की और  शाम को मंदिर में आकर महादेव माता पार्वती के दर्शन किए। आज जो भी मन्नत मांगी जाती है, उसे भगवान शंकर निश्चित तौर पर पूरी करते हैं।"

पूरे भक्तिभाव से शिवलिंग की पूजा अर्चना करते नजर आए शिवभक्त। 

महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा चार प्रहर में करने का विशेष महत्व होता है अभिषेक के जल में पहले प्रहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घी और चौथे में शहद को शामिल करने विधान है। शिवरात्रि पर श्रद्धालु दिन में केवल फलाहार व  उपवास करते हैं। सिडनी के मंदिरो में रुद्राभिषेक भी किया गया। भक्तो ने पूजा के अवसर पर महादेव को अक्षत, पान, सुपारी, चंदन, दूध, दही, शहद, घी,  धतूरा, बेलपत्र, भस्म,फल-फूल, मिठाई का भोग अर्पित किया, वहीं महिलाओ ने  माता पार्वती को शृंगार का सामान अर्पित किया। आज के दिन आम और खास सभी लोग शिव भक्ति में रंगे नजर आए। ऐसा लग रहा था कि जैसे पूरा शहर ही शिवमय गया। दर्शन अभिलाषियों को देखकर ऐसा लगा जैसे सिडनी शिव की नगरी काशी में परिवर्तित हो गई है।

Photo by - Saraswati Singh, Sakti Temple Sydney

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