भारत सरकार ने उन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है, जिसको लागू करते वक्त उसने दावा किया था कि इन कानूनों से कृषि का विस्तार होगा, किसानों की आय बढ़ेगी और किसानों को दलालों से मुक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानूनों को वापस लेने की घोषणा की और कहा कि हमारे प्रयासों में कोई कमी रह गई होगी कि इस मसले पर हम किसानों को समझा नहीं पाए। इस बिल के खिलाफ भारत की राजधानी दिल्ली के आसपास के बॉर्डरों पर किसान साल भर से धरना दे रहे हैं।

देश के विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों की वापसी पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया और कहा है कि अन्याय के खिलाफ किसानों की जीत हुई है। दूसरी ओर किसान नेताओं का कहना है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक वैधानिक तौर पर इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता।
