ग्लासगो सिटी काउंसिल ने स्कॉटलैंड के संग्रहालय में रखीं वर्षों पुरानी वस्तुओं को बड़े पैमाने पर लौटाने को लेकर सहमति व्यक्त की है। संग्रहालय में रखी हुईं इन कलाकृतियों को भारत, नाइजीरिया और नेटिव अमेरिकियों को दिया जाएगा। इसे कलाकृतियों का अभी तक का सबसे बड़ा प्रत्यावर्तन कहा जा रहा है।
Delighted that all Councillors supported the recommendations at committee today.
— David McDonald (@_dmcrcy) April 7, 2022
Todays agreement represents the largest single repatriation of items ever from Scotland and the first repatriation of antiquities to India from any UK museum service. https://t.co/vZivzZy2JW
सिर्फ भारत की बात की जाए तो भारत सरकार, भारत का पुरातत्व विभाग और लंदन में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने आठ बहुमूल्य वस्तुओं की बहाली का अनुरोध किया था। इनमें एक औपचारिक तलवार, एक म्यान, हिंदू मंदिरों और मंदिरों से चोरी की गई इमारत के टुकड़े भी शामिल हैं।

ग्लासगो लाइफ के डिर्पाचर चेयरमैन और काउंसलर डेविड मैकडोनाल्ड ने कहा कि मेरा मानना है कि यूके से भारत को इतनी बड़ी तादाद में बहुमूल्य वस्तुओं को देने का यह पहला मामला है। यह शहर के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। शहर उनकी वापसी के लिए वित्तीय योगदान देने की भी योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रत्यावर्तन की अनुमानित लागत 30,000 और 40,000 ब्रिटिश पाउंड यानी 30 लाख से 40 लाख रुपये के बीच होने की उम्मीद है।
यूके लेबर सांसद बेल रिबेरो-एडी ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा कि आज ग्लासगो के पार्षदों ने नाइजीरिया और भारत यानी इन कलाकृतियों के असली घरों में भेजने का जो निर्णय लिया वह बिल्कुल सही है। हमें पिछली गलतियों को ठीक करने के लिए ऐसे छोटे-छोटे कामों से ही शुरुआत होती है। यह वस्तुएं हमारी नहीं है।
Today, Glasgow councillors voted to repatriate stolen cultural treasures to their rightful homes in Nigeria & India, and to the Cheyenne River & Oglala Lakota Sioux Tribes.
— Bell Ribeiro-Addy MP (@BellRibeiroAddy) April 7, 2022
Reparations begin with small acts to heal past wrongs - like returning things that don't belong to us. https://t.co/TFr83zTbFI
मैकडॉनल्ड्स ने गुरुवार को निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि सभी पार्षदों ने आज समिति की सिफारिशों का समर्थन किया। यह समझौता स्कॉटलैंड से वस्तुओं की अब तक की सबसे बड़ी एकल प्रत्यावर्तन और किसी भी यूके संग्रहालय सेवा से भारत में प्राचीन वस्तुओं की पहली प्रत्यावर्तन का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें बहुत गर्व है कि यह एक पार्षद के रूप में मेरे अंतिम कार्यों में से एक होना चाहिए। इस काम में लगाए गए देखभाल और शोध के लिए ग्लासगो संग्रहालय के कर्मचारियों को भी मैं धन्यवाद करता हूं।