जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भारत दौरे में कहा है कि वह भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए देश में वर्क वीजा हासिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाएंगे। बेंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए शोल्ज ने कहा कि जर्मनी की सरकार कानूनी ढांचे में इसी साल सुधार करने के लिए प्रयासरत है ताकि सॉफ्टवेयर डेवलपर और आईटी क्षेत्र के कुशल कामगारों को आकर्षित किया जा सके।
We had the extreme honour and privilege of hosting the Hon'ble Chancellor Olaf Scholz of Germany at Namma Chinnaswamy Stadium. His Excellency called on RCB's WPL camp today. 🙏#PlayBold #WPL2023 pic.twitter.com/A9ax81K115
— Royal Challengers Bangalore (@RCBTweets) February 26, 2023
शोल्ज ने कहा, ‘हम वर्क वीजा जारी करने की प्रक्रिया सरल करना चाहते हैं। कानूनी प्रक्रिया के साथ-सथ वीजा बनाने में कोई मुश्किल न आए, इस लिहाज से प्रशासनिक प्रक्रिया को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने बेंगलुरु में SAP लैब इंडिया के कर्मचारियों से वर्क वीजा के मसले पर चर्चा भी की।
नौकरी के सिलसिले में जर्मनी आने वाले विदेशी कामगारों को भाषा संबंधी समस्याओं से भी दो-चार होना पड़ता है। इस मसले पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। जब लोग जर्मनी पहुंचते हैं तो वे अंग्रेजी बोलते हैं और फिर धीरे-धीरे जर्मन भाषा को अपना लेते हैं।
शोल्ज ने भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विभिन्न प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की। इसके बाद वह बेंगलुरु पहुंचे। वहां उन्होंने रविवार को एम चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) की पुरुष और महिला टीम से मुलाकात की।
जर्मन दूतावास के एक अधिकारी ने कहा कि चांसलर यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि जब खेल की बात आती है तो क्रिकेट को लेकर भारत में सबसे ज्यादा जुनून क्यों दिखता है? उन्होंने कहा, कि जर्मनी में क्रिकेट इतना लोकप्रिय नहीं है। हालांकि दो लाख से ज्यादा भारतीय वहां इसे लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
शोल्ज ने बैंगलोर में सॉफ्टवेयर कंपनी सैप लैब्स इंडिया की यात्रा के दौरान कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि कई लोग जर्मनी में कुशल श्रमिकों के रूप में काम करने के अवसरों का लाभ उठाना चाहेंगे। इस लिहाज से वर्क वीजा को आसान बनाया जाएगा।