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जर्मनी में नौकरियों की बहार, हर साल 60 हजार विदेशियों को मिलेगा काम

जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर ने ट्वीट करके कहा कि इन सुधारों के साथ हम प्रवासन नीति में एक नई शुरुआत की नींव रख रहे हैं। कोई भी व्यक्ति जो कुशल श्रमिक के रूप में देश की आर्थिक सफलता में योगदान दे सकता है, उसका हमारे यहां स्वागत है।

Photo by Marius Serban / Unsplash

जर्मनी ने अपने यहां श्रमिकों की भारी कमी को दूर करने के लिए आव्रजन नियमों में सुधार करने का फैसला किया है। सुधार के मसौदे में यूरोपीय यूनियन से बाहर के देशों के नागरिकों को नौकरी देने पर जोर दिया गया है। इन सुधारों की बदौलत इन देशों के 60 हजार लोगों को हर साल जर्मनी में नौकरी मिल सकेगी, ऐसा एक रिपोर्ट में कहा गया है।

यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी इस समय श्रमिकों की समस्या से बुरी तरह जूझ रहा है। सरकार के अनुसार देश में इस समय लगभग 20 लाख नौकरियां खाली हैं। कामगारों की इस कमी को पूरा करने के लिए जर्मन सरकार लेबर माइग्रेशन कानून को लचीला बना रही है। इसी के तहत बुधवार को कानून में सुधार का मसौदा पेश किया गया। श्रम मंत्री ह्यूबर्टस हील ने कहा कि आने वाले समय में जर्मनी में कुशल श्रमिकों को बनाए रखना देश के सबसे बड़े आर्थिक फैसलों में से एक है।

जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर ने ट्वीट करके कहा कि इन सुधारों के साथ हम प्रवासन नीति में एक नई शुरुआत की नींव रख रहे हैं। कोई भी व्यक्ति जो कुशल श्रमिक के रूप में देश की आर्थिक सफलता में योगदान दे सकता है, उसका हमारे यहां स्वागत है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नया प्रवासन कानून जर्मनी में प्रवासियों, खासतौर से यूरोपीय संघ के बाहर के लोगों की बड़ी बाधाओं को दूर करेगा।

इस कानून के जरिए तीन तरह से विदेशी कामगारों को जर्मनी में प्रवेश के रास्ते मिल सकते हैं-

  1. जिन लोगों के पास ऐसी कोई प्रोफेशनल या यूनिवर्सिटी डिग्री है जो जर्मनी में मान्यता प्राप्त है, और उनके पास रोजगार अनुबंध भी है।
  2. ऐसे लोग जिनके पास संबंधित क्षेत्र में काम करने का कम से कम दो साल का अनुभव है और उन्होंने कोई डिग्री या व्यावसायिक प्रशिक्षण भी ले रखा है।
  3. ऐसे लोग जिनके पास नौकरी का कोई ऑफर नहीं है, लेकिन उनमें क्षमताएं हैं, उनके लिए नया opportunity card सिस्टम बनाया गया है। यह एक पॉइंट बेस्ड सिस्टम है, जिसमें योग्यता, भाषा कौशल, पेशेवर अनुभव, जर्मनी से संबंध और उम्र आदि का ध्यान में रखकर अंक दिए जाएंगे।

जर्मनी की कैबिनेट ने एक शिक्षा कानून को भी मंजूरी दी है जिसमें युवाओं को कार्यस्थल पर प्रशिक्षण के दौरान भुगतान भी किया जाएगा। जर्मनी की संघीय श्रम एजेंसी प्रशिक्षण की अवधि के दौरान वेतन का 67% तक भुगतान करेगी।

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