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महात्मा गांधी के सिद्धांत मौजूदा समय में कितने प्रासंगिक, UN में परिचर्चा

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘गांधीवादी ट्रस्टीशिप : मिशन LiFE और मानव-समृद्धि’ विषय पर उच्च-स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) और मानव-समृद्धि की अवधारणा पर केंद्रित टिकाऊ जीवनशैली और स्थायी शांति को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा हुई।

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘गांधीवादी ट्रस्टीशिप : मिशन LiFE और मानव-समृद्धि’ पर जारी उच्च-स्तरीय परिचर्चा 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने यूनिवर्सिटी फॉर पीस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘गांधीवादी ट्रस्टीशिप : मिशन LiFE और मानव-समृद्धि’ विषय पर उच्च-स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया। कार्यक्रम में महात्मा गांधी के न्यासिता के सिद्धांत और आज की दुनिया में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया।

परिचर्चा में टिकाऊ जीवनशैली और स्थायी शांति को बढ़ावा देने वाले तथ्यों को भी उजागर किया गया

इस दौरान मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) और मानव-समृद्धि की अवधारणा पर केंद्रित टिकाऊ जीवनशैली और स्थायी शांति को बढ़ावा देने वाले तथ्यों को उजागर किया गया।
वक्ताओं में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज, दक्षिण अफ्रीका की स्थायी प्रतिनिधि मथु जोयिनी, नॉर्वे की उप-स्थायी प्रतिनिधि त्रिने हेमेरबैक, यूनिवर्सिटी फॉर पीस के वाइस-रेक्टर डॉ. जुआन कार्लोस सैंज-बोर्गो और अंतरराष्ट्रीय मामलों में नीतिशास्त्र के लिए कार्नेगी काउंसिल अध्यक्ष डॉ. जोएल एच. रोसेन्थल भी मौजूद रहे।

परिचर्चा का आयोजन India@75 के तहत किया गया

कार्यक्रम का संचालन ‘संयुक्त राष्ट्र अकैडेमिक इंपैक्ट’ के पहले प्रमुख और यूनिवर्सिटी फॉर पीस में सलाहकार रामू दामोदरन ने किया। कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य-देशों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों, शैक्षणिक संस्थानों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिपादित LiFE की अवधारणा पर जोर दिया। यह अवधारणा संसाधनों के सतर्कता और विवेकपूर्ण उपयोग पर केंद्रित है। उन्होंने पर्यावरण के लिए समर्पित प्रो-प्लैनेट-पीपल समूह विकसित करने पर भी बात की।

परिचर्चा का आयोजन India@75 के तहत संयुक्त राष्ट्र में मनाए जा रहे ‘इंडिया राउंडटेबल्स’ कार्यक्रम के भाग के रूप में किया गया। इस कार्यक्रम में विकास के विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें वित्तीय समावेशन, सामाजिक विकास, जलवायु से संबंधित और अन्य कार्य शामिलि हैं।

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