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G20 सम्मेलन में मंथन, कैसे खत्म होगा यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध

रूस की ओर से यूक्रेन पर किए जा रहे हमलों का वैश्विक स्तर पर असर पड़ा है। खासतौर पर खाद्यान्न का फ्री मूवमेंट इससे खासा प्रभावित हुआ है और दुनिया के उन कुछ हिस्सों पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है, जो पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

यह एक परंपरा की तरह हो गया है कि किसी भी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैठक में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर चर्चा को वैश्विक नेताओं के बीच प्राथमिकता से रखा जाए। हाल ही में इंडोनेशिया में आयोजित हुए जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में भी ऐसा ही हुआ। इस तथ्य पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता कि यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए जिसे शुरु हुए 10 महीने पूरे होने वाले हैं लेकिन यह खत्म होता हुआ नहीं दिख रहा है।

शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 के सदस्य देशों ने एकमत से एक घोषणा को स्वीकार किया। इसमें कहा गया कि अधिकतर सदस्य देश इस युद्ध की निंदा करते हैं लेकिन कुछ देश इस संघर्ष को दूसरे नजरिए से देख रहे हैं। नेताओं की ओर से जारी बयान में कहा गया कि स्थिति और प्रतिबंधों को लेकर दूसरी तरह के आंकलन भी किए गए हैं। सम्मेलन के मेजबान और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष सबसे अधिक चिंता का विषय है।

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