Skip to content

G20: दुनिया में पर्यावरण हानि को लेकर भारत चिंतित, बताए उपाय

प्रधानमंत्री के अनुसार भारत के मून मिशन, चंद्रयान की सफलता से आप सभी परिचित हैं। इससे प्राप्त डेटा पूरी मानवता के लिए फायदेमंद होगा। इसी भावना के साथ, भारत 'पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए G20 सैटेलाइट मिशन' शुरू करने का प्रस्ताव कर रहा है।

भारत ने दुनियाभर में हो रहे जलवायु परिवर्तन और उसके बाद पर्यावरण हानि को लेकर गंभीर चिंता जताई है और कहा है कि इसके सुधार के लिए पूरी दुनिया को प्रभावी कदम उठाने होंगे। पर्यावरण को सुरक्षित रखने को लेकर भारत ने उपाय भी बताए हैं और कहा है कि पेट्रोल में एथनोल की मात्रा बढ़ाने पर विश्व सहमति बनाई जाए। भारत का यह भी कहना है कि अब हमें इस मसले पर कार्बन क्रेडिट घटाने के बजाए ग्रीन क्रेडिट बढ़ाने पर विचार करना होगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को G20 शिखर सम्मेलन की बैठक में पर्यावरण सुधारने को लेकर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया और कहा कि अब हमें इस मसले पर ठोस कार्यवाही करनी होगी।

G20 में आए देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने पर्यावरण सुधार व जलवायु परिवर्तन को लेकर कई बिंदुओं पर ब्योरेवार जानकारी दी

G20 में आए देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने पर्यावरण सुधार व जलवायु परिवर्तन को लेकर कई बिंदुओं पर ब्योरेवार जानकारी दी और कहा कि One Earth की भावना से ही भारत ने Lifestyle for Environment Mission की शुरुआत की है। भारत के आग्रह पर, और आप सबके सहयोग से, पूरा विश्व इस साल International Year of Millets मना रहा है, और यह भी Climate Security की भावना से जुड़ा हुआ है। इसी भावना के साथ, COP-26 में भारत ने ‘Green Grids Initiative-One Sun, One World, One Grid’ लॉन्च किया था। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां बहुत बड़े पैमाने पर सौर क्रांति चल रही है।

बैठक में मोदी ने कहा कि ‘सबका प्रयास’ की भावना के साथ, आज G-20 के इस मंच पर भारत के कुछ सुझाव भी हैं। 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के करोड़ों किसान अब प्राकृतिक खेती अपना रहे हैं। यह मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ मिट्टी की, जमीन की health को सुरक्षित रखने का भी बहुत बड़ा अभियान है। हमने भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए National Green Hydrogen Mission भी लॉन्च किया है। जलवायु की चुनौती को ध्यान में रखते हुए एनर्जी ट्रांजिशन, इक्कीसवीं सदी के विश्व की बहुत बड़ी आवश्यकता है। Inclusive एनर्जी ट्रांजिशन के लिये ट्रिलियन्स ऑफ डॉलर्स की जरूरत है। स्वाभाविक रूप से, इसमें विश्व के विकसित देशों की बहुत बड़ी भूमिका है। बैठक में मोदी ने कहा कि ‘सबका प्रयास’ की भावना के साथ, आज G-20 के इस मंच पर भारत के कुछ सुझाव भी हैं। आज समय की मांग है कि ईंधन मिश्रण के क्षेत्र में सभी देश मिलकर काम करें। हमारा प्रस्ताव पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का है।

मोदी के अनुसार पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कार्बन क्रेडिट पर दशकों से चर्चा चल रही है।

उन्होंने कहा कि हम चाहें तो वैकल्पिक रूप से, व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एक और सम्मिश्रण विकसित करने पर काम कर सकते हैं, जो जलवायु सुरक्षा में भी योगदान दे। मोदी के अनुसार पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कार्बन क्रेडिट पर दशकों से चर्चा चल रही है। कार्बन क्रेडिट इस बात पर ज़ोर देता है कि क्या नहीं किया जाना चाहिए, इसका एक नकारात्मक दृष्टिकोण है। परिणामस्वरूप, क्या सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए, इस पर अक्सर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता। सकारात्मक पहल के लिए प्रोत्साहन की कमी है। ग्रीन क्रेडिट हमें आगे का रास्ता दिखाता है। इस सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए, मेरा प्रस्ताव है कि G20 देश 'हरित क्रेडिट पहल' पर काम करना शुरू करें।

प्रधानमंत्री के अनुसार भारत के मून मिशन, चंद्रयान की सफलता से आप सभी परिचित हैं। इससे प्राप्त डेटा पूरी मानवता के लिए फायदेमंद होगा। इसी भावना के साथ, भारत 'पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए G20 सैटेलाइट मिशन' शुरू करने का प्रस्ताव कर रहा है। इससे प्राप्त जलवायु और मौसम के आंकड़ों को सभी देशों, विशेषकर ग्लोबल साउथ के देशों के साथ साझा किया जाएगा। भारत सभी G-20 देशों को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।

Comments

Latest