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G20 का समापन, कई संभावनाओं व समस्याओं पर हुई गंभीर चर्चा

G20 शिखर सम्मेलन के ‘‘एक भविष्य'' सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते समीकरणों के चलते विश्व के बड़े देशों को भी अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा। विश्व निकाय के सदस्य देशों में वृद्धि के बावजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ी है।

ब्राजील को G20 की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल सौंपते हुए पीएम मोदी। सभी फोटो: @g20org

विश्व को शांति, अपनत्व और समायोजन का संदेश देकर G20 शिखर सम्मेलन सम्पन्न हो गया। भारत की राजधानी नई दिल्ली में दो दिन तक आयोजित इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की संभावनाओं को उकेरा और जाहिर किया कि समग्रता के बल पर ही दुनिया में शांति व स्थायीत्व लाया जा सकता है। उन्होंने दुनिया के सामाने खड़ी हो रही कुछ बड़ी समस्याओं को भी उजागर किया और कहा कि इनको पार पाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। अगला G20 शिखर सम्मेलन अब ब्राजील में आयोजित किया जाएगा।

रविवार के समापन सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने बेहद प्रभावी तरीके से विश्व की समस्याओं व संभावनाओं की जानकारी देकर बता दिया कि समस्याओं को मिल-जुलकर ही सुलझाया जा सकता है। नई समस्याएं लगातार विश्व के आगे चैलेंज खड़े कर रही हैं और हमारे सभी देशों के वर्तमान और भविष्य दोनों को प्रभावित कर रही हैं। हम साइबर सुरक्षा और क्रिप्टो-मुद्रा की चुनौतियों से परिचित हैं। क्रिप्टो-मुद्रा, सामाजिक व्यवस्था, मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता का क्षेत्र सभी के लिए एक नया विषय बनकर उभरा है। इसलिए हमें क्रिप्टो-मुद्राओं को विनियमित करने के लिए वैश्विक मानक विकसित करने होंगे। बैंक विनियमन पर बेसल मानक एक मॉडल के रूप में हमारे सामने हैं।

सम्मेलन के समापन सत्र में कई भावी चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार साइबर सिक्योरिटी के लिए भी वैश्विक सहयोग और फ्रेमवर्क की ज़रूरत है। साइबर जगत से आतंकवाद को नए माध्यम, फंडिंग के नए तौर-तरीके मिल रहे हैं। ये हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। जब हम हर देश की सुरक्षा, हर देश की संवेदना का ध्यान रखेंगे, तभी One Future का भाव सशक्त होगा। पीएम ने कहा कि पिछले दो दिन में जो सुझाव सामने आए हैं, उन पर बारीकी से गौर किया जाए कि उन्हें कैसे गति दी जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें नवंबर अंत में G20 के वर्चुअल सत्र का आयोजन करना चाहिए। उस सेशन में हम उन मुद्दों की समीक्षा कर सकते हैं, जिन पर इस शिखर सम्मेलन के दौरान सहमति बनी थी।

G20 शिखर सम्मेलन के ‘‘एक भविष्य'' सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते समीकरणों के चलते विश्व के बड़े देशों को भी अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा। विश्व निकाय के सदस्य देशों में वृद्धि के बावजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ी है। दुनिया की ‘नई वास्तविकताओं' को ‘नई वैश्विक संरचना' में प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तो दुनिया अलग थी। अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रकृति का नियम है कि जो समय के साथ नहीं बदलते, वे अपनी प्रासंगिकता खो देते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के बड़े देशों को भी अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा।

नई दिल्ली में बेहद प्रभावी व भव्य रूप से चले इस शिखर सम्मेलन का रविवार को समापन हो गया। इसकी घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने संस्कृत के एक श्लोक का संदर्भ देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं सौहार्द की प्रार्थना की। समापन सत्र में पीएम मोदी ने ब्राजील को G20 की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा और उन्हें शुभकामनाएं दीं। ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को G20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा।, तब तक यह जिम्मेदारी भारत के पास ही रहेगी।

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