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Pak में हिंदू लड़कियों को जबरन मुस्लिम बनाया जा रहा, चौंका देगी ये रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में पाकिस्तान के सिंध में जबरन धर्म परिवर्तन के 65 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद सबसे अधिक पंजाब में 33 प्रतिशत और खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में 0.8 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।

सांकेतिक तस्वीर (फोटो twitter @ABHISHE21014257)

भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। पिछले साल यानी अकेले 2022 में ही 124 अल्पसंख्यक लड़कियों और महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया है। इनमें 81 हिंदू, 42 ईसाई और एक सिख शामिल हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है।

धर्म परिवर्तन की गईं 23 प्रतिशत लड़कियां 14 साल से कम उम्र की थीं। 

ह्यूमन राइट्स ऑब्जर्वर की 2023 की फैक्ट शीट रिपोर्ट से पता चला है कि धर्म परिवर्तन की गईं 23 प्रतिशत लड़कियां 14 साल से कम उम्र की थीं जबकि 36 प्रतिशत की उम्र 14 से 18 साल के बीच थी। पीड़ितों में से केवल 12 प्रतिशत ही वयस्क थीं। 28 प्रतिशत पीड़ितों की जानकारी साझा नहीं की गई है।

पाकिस्तानी समाचारपत्र डॉन में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में पाकिस्तान के सिंध में जबरन धर्म परिवर्तन के 65 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद सबसे अधिक पंजाब में 33 प्रतिशत और खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में 0.8 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।

रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 के दौरान अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक किताबों को पढ़ाने और बांटने का चलन तेजी से बढ़ा है। इसका नुकसान ये है कि पाकिस्तान की शिक्षा प्रणाली के सामने कई नई चुनौतियां सामने आई हैं।

सेंटर फॉर सोशल जस्टिस (CSJ) की एक रिपोर्ट में धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने वाले पांच प्रमुख मुद्दों को शामिल किया गया है। इसमें शिक्षा प्रणाली में भेदभाव, जबरन धर्मांतरण की व्यापकता, ईशनिंदा कानूनों का दुरुपयोग, अल्पसंख्यकों के लिए राष्ट्रीय आयोग की स्थापना और अल्पसंख्यक कैदियों के लिए जेल में छूट है।

फैक्ट शीट से पता चलता है कि ईशनिंदा कानूनों के तहत 171 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिनमें से 65 प्रतिशत मामले पंजाब में और 19 प्रतिशत सिंध में सामने आए।

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