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आश्वासन नहीं एक्शन चाहिए, US-UK में मिशन की सुरक्षा पर बोला भारत

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने भारतीय मिशनों, दूतावास और उच्चायोग पर हुए हमलों को उन देशों की सरकारों के समक्ष उठाया है। सैन फ्रांसिस्को और लंदन की बात करें तो हमें भरोसा है कि वहां की सरकारें उचित कार्रवाई करेंगी और सख्त एक्शन लेंगी।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची। (फोटो @MEAIndia)

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास और लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किए गए हमले को लेकर शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को एश्योरेंस (आश्वासन) नहीं, एक्शन (कार्रवाई) चाहिए।

नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने भारतीय मिशनों, दूतावास और उच्चायोग पर हुए हमलों के मामलों को उन देशों की सरकारों के समक्ष उठाया है। सैन फ्रांसिस्को और लंदन की बात करें तो हमें भरोसा है कि वहां की सरकारें उचित कार्रवाई करेंगी और अपराधियों का पता लगाकर उन पर सख्त एक्शन लेंगी।

अरिंदम ने आगे कहा कि जहां तक हमारे मिशनों और कर्मचारियों की सुरक्षा का सवाल है तो हमें विश्वास है कि उन्हें भी उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। लेकिन फिर भी हम ये कहना चाहते हैं कि ऐसे गंभीर मामलों पर भारत एश्योरेंस नहीं, एक्शन होते हुए देखना चाहता है।

अरिंदम ने कहा कि हम विदेश में बसे लोगों को साफ संदेश देना चाहते हैं कि वह कुछ तत्वों द्वारा फैलाई जा रही भ्रामक खबरों पर विश्वास न करें। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के कनाडाई संसद में दिए एक बयान से जुडे़ पत्रकार के सवाल पर अरिंदम बागची ने यह बात कही। कनाडाई विदेश मंत्री ने मिसिसागा के सांसद के सवाल पर कहा था कि कनाडाई सरकार पंजाब की घटना पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।

याद दिला दें कि भारत के पंजाब राज्य में वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर एक्शन के बाद विदेश में बसे खालिस्तानी समर्थकों ने कई देशों में भारतीय दूतावास, उच्चायोग और भारतीय मिशनों पर प्रदर्शन किया था। सैन फ्रांसिस्को और लंदन स्थित भारतीय मिशनों पर तो हिंसक प्रदर्शन भी देखने को मिले। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर रविवार के बाद बुधवार को भी खालिस्तानी समर्थकों ने प्रदर्शन किया था।

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