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आठ वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय छात्रा ने शतरंज की बिसात पर रचा इतिहास

यूरोपीय चैंपियनशिप में बोधना की भिड़ंत दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से हुई और एक अंतरराष्ट्रीय मास्टर को हराकर उसने चैंपियनशिप अपने नाम कर ली।

आठ वर्ष की बोधना शिवनंदन ने यूरोपीय ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया है। Image : X@ECUonline

एक आठ वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय छात्रा ने यूरोपीय चैंपियनशिप में 'सुपर टैलेंटेड' सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी नामित होने के बाद शतरंज में इतिहास रच दिया है। उत्तर-पश्चिम लंदन के हैरो में रहने वाली बोधना शिवानंदन ने सप्ताहांत में क्रोएशिया के जाग्रेब में यूरोपीय ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप जीती है।

यूरोपीय चैंपियनशिप में बोधना की भिड़ंत दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से हुई और एक अंतरराष्ट्रीय मास्टर को हराकर उसने चैंपियनशिप अपने नाम कर ली। खबरों के मुताबिक
आठ वर्षीय अति प्रतिभाशाली बोधना शिवनंदन ने ब्लिट्ज़ प्रतियोगिता में हैरान करने वाला प्रदर्शन किया।

रविवार को क्रोएशिया में संपन्न यूरोपीय रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप में बोधना ने प्रथम महिला पुरस्कार जीतने के लिए 8.5/13 अंक बनाए और 211.2 ब्लिट्ज ईएलओ अंक अर्जित किए। इस जीत के बाद से ही बोधना मीडिया और सोशल मीडिया पर छाई हुई है।

जीत के बाद बोधना ने एक मीडिया संस्थान से कहा कि मैं जीतने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती हूं। कई बार जीत हासिल होती है और कई बार नहीं। बेटी की इस उपलब्धि से हर्षित बोधना के पिता शिवा शिवानंदन ने कहा कि मेरी बेटी जीतने की पूरी कोशिश कर रही थी और उसमें कामयाब रही। उसे शतरंज खेलना और सैर-सपाटा बहुत पसंद है। हमारी कोशिश रहती है कि यह सब चलता रहे।

दिलचस्प बात यह है कि जब बोधना ने शतरंज खेलना शुरू किया तो उसकी उम्र महज 5 साल थी। दूसरे, जब इस बच्ची ने खेलना शुरू किया था तो उस समय पूरी दुनिया कोविड महामारी से जूझ रही थी।

बहरहाल, कुछ महीने पहले शिवनंदन ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा खेल के लिए सरकार के प्रमुख नए GBP 1 मिलियन निवेश पैकेज को चिह्नित करने के लिए 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर आमंत्रित युवा शतरंज प्रेमियों के एक समूह में शामिल थी।

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