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‘मन की बात’ का असर, खादी उत्पादों को खरीद लोगों ने बनाया कीर्तिमान

24 सितंबर को 'मन की बात' में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से गांधी जयंती के दिन कुछ न कुछ खादी उत्पाद खरीदने की अपील की थी। इस अपील का जनता पर प्रभाव पड़ा। यह उनकी अपील का ही असर है कि ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री का नया रिकॉर्ड बनता है, जो दर्शाता है कि लोगों का खादी से गहरा लगाव है।

भारत की राजधानी दिल्ली के लोगों ने खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की खरीद में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। गांधी जयंती के अवसर पर, नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में 1,52,45,000 (डेढ़ करोड़ से अधिक) रुपये मूल्य के खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री हुई, जो अब तक की सबसे अधिक बिक्री है। भारत सरकार का कहना है कि यह खरीदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर दिल्लीवासियों ने की है।

भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने गांधी जयंती पर गांधी जी की विरासत, खादी की अभूतपूर्व बिक्री का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'ब्रांड पावर' और जनता के बीच उनकी अभूतपूर्व लोकप्रियता को दिया। मनोज कुमार के अनुसार गत 24 सितंबर को 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से गांधी जयंती के दिन कुछ न कुछ खादी उत्पाद खरीदने की अपील की थी। इस अपील का जनता पर प्रभाव पड़ा। यह उनकी अपील का ही असर है कि पिछले प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती के दिन खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री का एक नया रिकॉर्ड बनता है, जो दर्शाता है कि लोगों का भारत के विरासत वस्त्र यानि खादी से गहरा लगाव है।

ताजा बिक्री आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में गांधी जयंती के दिन दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में 1,33,95,000 रुपये की बिक्री हुई थी, जो इस बार 1,52,45,000 रुपये तक पहुंच गई है। गांधी जयंती के अवसर पर पहले ग्राहक के रूप में केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने 2 अक्टूबर की सुबह खादी भवन, कनॉट प्लेस में खादी के कपड़े खरीदे और यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान किया। उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी विभिन्न अवसरों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खादी उत्पाद खरीदने की अपील कर चुके हैं। हाल ही में भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित G20 और राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे पिछले 9 वर्षों में, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' और 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री को 1.34 लाख करोड़ रुपये के पार पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभायी है। इस शिखर सम्मेलन के दौरान राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री ने विश्व के राजनेताओं का खादी वस्त्रों से स्वागत कर न केवल खादी को वैश्विक पहचान दिलाई, बल्कि देश की जनता को खादी खरीदने के लिए प्रेरित भी किया।

मंत्री का कहना है कि इसी का परिणाम है कि गांधी जयंती के दिन दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में खादी उत्पाद खरीदने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। गांधी जयंती के दिन की बिक्री के पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो हर साल बिक्री एक करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर रही है। लेकिन यह पहली बार है कि बिक्री बढ़कर 1.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है। वित्त वर्ष 2021-22 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 1.01 करोड़ रुपये थी और वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 1.34 करोड़ रुपये हो गई, लेकिन इस वित्त वर्ष में बिक्री का आंकड़ा 1.52 करोड़ रुपये को पार कर गया है। ये सभी आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 'भारत की खादी' देश में 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अग्रदूत बन गई है।

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