कोरोना महामारी ने दुनिया को सबसे बड़ा सबक यही दिया है कि स्वास्थ्य और प्राथमिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश कितना जरूरी है। जिन देशों ने इस क्षेत्र में पहले से निवेश करके समर्थ बना रखा है, वे अब इसका फायदा ले रहे हैं। यह कहना था विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन का। सौम्या ने भारत के विशाखापत्तनम में शुरू हुए भारतीय मूल के अमेरिकी फिजिशियन डॉक्टरों की संस्था AAPI के 16वें सालाना वैश्विक समारोह में यह बात कही।
समारोह में प्रो. ब्रह्मैय्या शास्त्री ओरेशन एवं डॉ. टी रवि राजू एक्सिलेंस अवॉर्ड से सम्मानित होने के बाद डॉ. सौम्या ने कहा कि हमने सोशल मीडिया पर फैला हुआ बहुत डर और भेदभाव देखा है। इसका मुकाबला स्वास्थ्य साक्षरता से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस 2019 में जब पहली बार सामने आया था, तब से वह काफी बदल चुका है। अब वह कम जानलेवा हो गया है। इसका श्रेय दुनिया भर में विकसित हुई वैक्सीन को जाता है। जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली है, उन्हें इस वायरस ने ज्यादा प्रभावित किया है।