दोहरी नागरिकता को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। लेकिन इसे लेकर तमाम तरह के सवाल और अड़चनें हैं। मसलन, सुरक्षा से जुड़ीं चुनौतियां हैं, आर्थिक चुनौतियां हैं। ये भी चुनौती है कि आखिर किन देशों में रहने वाले भारतीयों को दोहरी नागरिकता दी जानी चाहिए।
Delighted to interact with CII Young Indians at Chennai today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 22, 2023
Spoke about how the world views India today as a mix of Talent, Technology and Tradition.
Discussed how the @narendramodi government has nurtured an enabling environment through various yojanas. And supported… pic.twitter.com/9QMXjYx3Pj
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चेन्नई में एक कार्यक्रम में कहा कि विदेशों में बसे भारतीयों को दोहरी नागरिकता प्रदान करने में बहुत सारी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) अभियान मांग को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। हालांकि, दोहरी नागरिकता पर बहस 'अभी भी जीवित' है।
🚨 | External affairs minister S Jaishankar said providing dual citizenship to Indians is still alive:
— Sevens Football (@sevensftbl) December 23, 2023
🎙️ S Jaishankar: "There are security and economic challenges. OCI is the step to bridge the demand. The debate on dual citizenship is still alive." 🇮🇳⚽️ @timesofindia #SFtbl pic.twitter.com/VvaAzVWjmV
जयशंकर ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित टेकप्राइड 2023 शिखर सम्मेलन में ये बातें कहीं। उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई जब शिखर सम्मेलन में एक प्रतिभागी ने विदेशों में बसे भारतीय उद्यमियों के लिए कारोबार सुगमता पर सवाल उठाया। उद्यमियों के साथ बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि जिन देशों में रह रहे भारतीयों को दोहरी नागरिकता प्रदान की जानी चाहिए, उन्हें लेकर आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियां हैं।
दोहरी नागरिकता का मतलब है कि किसी शख्स के पास एक ही समय में दो अलग-अलग देशों की नागरिकता हो। वर्तमान नियमों के मुताबिक अगर किसी भारतीय ने किसी अन्य देश की नागरिकता हासिल कर ली है तो उसकी भारतीय नागरिकता उसी वक्त खत्म हो जाती है। इसी तरह अगर किसी विदेशी को भारतीय नागरिकता लेनी है तो उसे अपने मूल देश की नागरिकता छोड़नी ही होगी।
दोहरी नागरिकता एक व्यक्ति को दोनों देशों के राजनीतिक कार्यों में पूरी तरह से भाग लेने और यात्रा करते समय वीजा आवश्यकताओं से छूट का आनंद लेने के साथ-साथ एक ऑटोमैटिक वर्क परमिट प्राप्त करने की अनुमति देती है।
दोहरी नागिरकता वाला शख्स दोनों देशों के पासपोर्ट भी रख सकते हैं और सामाजिक और कानूनी अधिकारों का आनंद ले सकते हैं जैसे कि अन्य नागरिक। कुछ देशों में दोहरे नागरिक के रूप में प्राप्त होने वाले अधिकारों पर कुछ प्रतिबंध हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका, फिनलैंड, अल्बानिया, इजराइल और पाकिस्तान जैसे देश दोहरी नागरिकता प्रदान करते हैं, हालांकि, उनके पास योजना पर अपने संबंधित कानून हैं, बशर्ते दोनों राष्ट्र दोहरी राष्ट्रीयता रखने की अनुमति दें।
भारतीय संविधान भारतीय नागरिकों को एक साथ दूसरे देश की नागरिकता रखने की अनुमति नहीं देता है। हालांकि, भारत सरकार भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) के लिए ओसीआई कार्यक्रम चलाती है, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा अन्य देशों में चले गए हैं।
ओसीआई कार्डधारक भारत में बहुउद्देश्यीय और बहु-प्रवेश का लाभ उठा सकता है। उनके पास भारत आने के लिए आजीवन वीजा सुविधा भी हो सकती है, और पीआईओ कार्ड धारकों के विपरीत कुछ शर्तों को पूरा करने पर भारतीय नागरिक बनने का विशिष्ट अधिकार है।