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कूटनीति: भारत ने क्यों कहा, मुश्किल समय में वह इजराइल के साथ है

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की। यह फोन कॉल इजराइल के प्रधानमंत्री की ओर से किया गया था, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को युद्ध से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराते हुए कहा कि उनका देश इस तरह के आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा।

X : @narendramodi

संतोष

यह संभवत: पहली बार है जब इजराइल पर हुए हमास के हमले के बाद भारत ने बिना देरी किए इजराइल के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धतरा दिखाई है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल पर हुए हमले को आतंकी कार्रवाई करार देते हुए कहा है कि इस मुश्किल घड़ी में हम इजराइल के साथ खड़े हैं।

इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की। यह फोन कॉल इजराइल के प्रधानमंत्री की ओर से किया गया था, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को युद्ध से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराते हुए कहा कि उनका देश इस तरह के आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। युद्ध हमास ने शुरू किया है। लेकिन इसका अंत इजराइल करेगा। उन्होंने इजराइल की ओर से किये गए हमले और उसके बाद हमास पर उसके असर को लेकर भी जानकारी साझा की। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फोन कॉल के बाद नेतन्याहू से हुई बातचीत की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नेतन्याहू की ओर से फोन कर युद्ध से संबंधित जानकारी देने के लिए उनका धन्यवाद करता हूं। भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजराइल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं। भारत आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करता है। इइस

इसराइल ने अब सीधे तौर पर जंग की घोषणा कर दी है। फोटो: X @RShivshankar

इससे पहले शनिवार को ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह संकेत दे दिए थे कि वह हमास के हमले के मुद्दे पर इजराइल के साथ हैं। उन्होंने इसे आतंकी हमला करार दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा था कि इजराइल में हुए आतंकी हमले की खबर से स्तब्ध हूं। हमारी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के साथ हैं। भारत की ओर से हमास के हमले को आतंकी करार देना और इजराइल के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता जाहिर करता है कि भारत ने अपनी तटस्थता या निगुर्ट नीति का त्याग कर दिया है। यह संभव है कि आने वाले समय में भारत की ओर से इस नीति को लेकर और अधिक स्पष्टता से संकेत दिए जाएं। भारत की आजादी के बाद से उसकी यह नीति रही थी कि वह किसी भी देश के साथ खड़ा होकर उसका पक्ष नहीं  लेगा। वह सभी संबंधित देशों के साथ मित्रता का भाव रखेगा। जिससे उसके किसी खास समूह के देश का सदस्य होने का भ्रम न उत्पन्न हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले उनके कैबिनेट सहयोगी जनरल वीके सिंह ने भी एक बयान में कहा कि भारत की आतंकवाद को लेकर एक ही नीति है। वह आतंक के किसी भी रूप को स्वीकार नहीं करता है। भारत इस समय इजराइल के साथ मजबूती से खड़ा है।

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