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भारतीय अमेरिकियों को ही निशाना क्यों बना रहे हैं चोर, जासूस तलाश रहे हैं

अमेरिकी राज्य वाशिंगटन में पुलिस ने पिछले दो हफ्तों में राज्य के कुछ हिस्सों में मुख्य रूप से भारतीय अमेरिकी लोगों के घरों को निशाना बनाकर संगठित आवासीय चोरियों में वृद्धि की सूचना दी है। मुख्य रूप से ‘भारतीय अमेरिकी’ पीड़ितों को निशाना बनाया गया है। संदिग्ध बड़े संगठित समूह का हिस्सा हैं।

Photo by Gwendal Cottin / Unsplash

अमेरिकी राज्य वाशिंगटन के बोथेल में चोरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। वे खासकर भारतीय मूल के घरों को निशाना बना रहे है। वाशिंगटन पुलिस के मुताबिक पिछले दो हफ्तों में राज्य के कुछ हिस्सों में मुख्य रूप से भारतीय अमेरिकी लोगों के घरों को निशाना बनाकर संगठित आवासीय चोरियों में बढ़ोतरी हुई है।

स्नोहोमिश काउंटी पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है। काउंटी की ‘रॉबरी एंड बर्गलरी यूनिट' (RBU) ने पिछले दो हफ्तों में आवासीय चोरियों में वृद्धि दर्ज की है, जिनमें मुख्य रूप से भारतीय अमेरिकी पीड़ितों को निशाना बनाया गया है। पुलिस का कहना है कि चोरी की ये वारदातें दिन के उजाले के दौरान 180 वीं सेंट एसई और 228 वीं सेंट एसई के बीच 35 वें एवे एसई के पास हुई हैं।आरबीयू का मानना है कि संदिग्ध पूरे क्षेत्र में सक्रिय एक बड़े संगठित समूह का हिस्सा हैं।

जासूस संदिग्धों की पहचान करने के लिए जनता की मदद ले रहे हैं। जासूस निवासियों को कीमती सामान सुरक्षित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं कि सभी खिड़कियां, स्लाइडिंग दरवाजे और एक्सेस पॉइंट ठीक से बंद हैं।

आरबीयू संदिग्धों से जुड़ी दो कारों, 2000 के दशक की शुरुआती ब्लैक मर्सिडीज सेडान और अज्ञात प्लेट वाली एक नई सिल्वर मर्सिडीज एसयूवी के बारे में अधिक जानकारी की भी तलाश कर रहा है। बोथेल में एशियाई अमेरिकियों की एक बड़ी आबादी रहती है। इनमें से 33 प्रतिशत भारतीय और 29 प्रतिशत चीनी, और हिस्पैनिक / लैटिनो अमेरिकी के रूप में पहचानते हैं।

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