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UK में भारतीय उच्चायोग के बाहर फिर से प्रदर्शन, सरकार ने किया ये वादा

19 मार्च के बाद बुधवार को फिर से लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने खालिस्तानी समर्थकों ने प्रदर्शन किया। हालांकि इस बार 100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने उच्चायोग के मेन गेट के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों पर पानी की बोतलें और स्याही फेंकी।

भारतीय मिशन ने खास अंदाज में दिया खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों को जवाब। (फोटो साभार सोशल मीडिया)

ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा है कि लंदन में भारतीय दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों की हिंसा के बाद उच्चायोग की सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी। भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों के प्रति हिंसा अस्वीकार्य है। यूके सरकार भारतीय मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी क्योंकि यूके में सभी देशों के विदेशी मिशनों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है।

मंत्री का ये आश्वासन ऐसे समय आया है, जब 19 मार्च के बाद बुधवार को एक बार फिर भारतीय उच्चायोग के सामने खालिस्तानी समर्थकों ने प्रदर्शन किया। हालांकि इस बार मिशन की सुरक्षा के लिए 100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग के मेन गेट के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों पर पानी की बोतलें और स्याही तक फेंकी। लेकिन रविवार की तरह हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ।

बुधवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर लगभग 2,000 प्रदर्शनकारी खालिस्तान के झंडे लहराते हुए सुनियोजित प्रदर्शन के लिए आ गए थे। हालांकि उच्चायोग के बाहर और सड़क के दोनों ओर कम से कम सौ पुलिसकर्मी तैनात थे। कड़ी सुरक्षा और बैरिकेड्स लगे होने की वजह से 19 मार्च जैसी हिंसक घटना नहीं हुई। प्रदर्शनकारी सड़क के दूसरी ओर से नारे लगाते रहे।

इससे पहले 19 मार्च को उच्चायोग की इमारत पर खालिस्तानी समर्थकों की भीड़ टूट पड़ी थी। भीड़ ने उच्चायोग की खिड़कियां तोड़ दी थीं। पहली मंजिल की बालकनी पर लगा भारतीय ध्वज गिराने की भी कोशिश की थी। लंदन में भारतीय मिशन पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले के बाद भारत ने नई दिल्ली में ब्रिटिश राजनयिक को तलब करके विरोध जताया था। भारत ने उच्चायोग की इमारत के आसपास सुरक्षा न होने पर ब्रिटेन प्रशासन से स्पष्टीकरण भी मांगा था।

यही नहीं, इस घटना के बाद भारत सरकार ने नई दिल्ली में ब्रिटिश दूतावास और ब्रिटेन के उच्चायुक्त के घर के आगे सुरक्षा में कटौती कर दी थी और बैरिकेड्स हटा दिए थे। इसे जैसे के साथ तैसा जैसी कार्रवाई बताया गया था। बता दें कि भारत में प्रमुख खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के बाद से यूके समेत कई देशों में खालिस्तानी समर्थक भारतीय मिशन के बाहर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

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