Skip to content

क्रीमिया प्रकरण के हवाले से यूक्रेन की मंत्री ने भारत को क्यों आगाह किया?

यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा ने कहा, भारत को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए, जो अपने एजेंडे को बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। एलएसी पर चल रहे तनाव के बीच जापारोवा का यह बयान पाकिस्तान, चीन के साथ भारत के क्षेत्रीय विवादों की ओर इशारा करता है।

यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा भारत के दौरे पर हैं। फोटो : ट्विटर @EmineDzheppar

यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा भारत के दौरे पर हैं। रूस से युद्ध के बीच किसी यूक्रेनी मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। जापारोवा ने मंगलवार को नई दिल्ली में क्रीमिया प्रकरण का हवाला देते हुए भारत को पाकिस्तान और चीन को लेकर आगाह किया। यूक्रेन की मंत्री ने कहा कि भारत को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए, जो अपने एजेंडे को बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यह भारत के लिए एक सबक है।

एमिन जापारोवा ने भारत के विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के साथ मुलाकात की। फोटो : ट्विटर @M_Lekhi

दरअसल क्रीमिया कभी यूक्रेन का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन 2014 में धोखे से रूस ने उस पर कब्जा कर लिया था। जापारोवा के मुताबिक रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने से आठ साल पहले यानी 2014 में ही पूर्वी यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। 2016 में ही यूक्रेन को आभास हो गया था कि रूस एक बड़े हमले की योजना बना रहा है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सीमा पर सेना की तैनाती का आदेश दिया था और शत्रुतापूर्ण बयानबाजी फिर से शुरू कर दी थी जो क्रीमिया पर कब्जा करने से पहले शुरू हुई थी।

भारत के पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे तनाव के बीच जापारोवा का यह बयान पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के क्षेत्रीय विवादों की ओर इशारा करता है, जहां चीनी सैनिक अक्सर तनाव कम करने की बातचीत के बावजूद यथास्थिति को बदलने की कोशिश करते रहे हैं। जापारोवा ने कहा कि भारत उन लोगों और खतरों को पहचाने, जो अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत उन दुश्मनों को पहचाने जो सोचते हैं कि वह कुछ भी गलत करके बचकर निकल जाएंगे। यूक्रेनी मंत्री ने कहा कि भारत को भी पड़ोसी पाकिस्तान और चीन से दिक्कतें हैं। अगर किसी को गलती की सजा नहीं दी जाती और समय रहते उसे नहीं रोका जाता तो वह बड़ा नासूर बन जाता है। इसलिए भारत के भी सतर्क रहना होगा।

विदेश उपमंत्री के अनुसार हमारा देश वास्तव में चाहता है कि भारत और यूक्रेन करीब आएं। हम भारत के साथ एक नए संबंध शुरू करना चाहते हैं। हालांकि रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों के बारे में उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यूक्रेन, भारत से यह अनुरोध करने की स्थिति में नहीं है कि वह अन्य देशों के साथ अपने आर्थिक संबंधों को कैसे बनाए रखता है। उन्होंने कहा कि भारत को जहां भी अच्छा सौदा मिलेगा, वहां जाएगा। असल में रूस और भारत करीबी सहयोगी रहे हैं। यूक्रेन हमले पर भारत का साफ कहना है कि इस संकट को कूटनीति और बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए।

Comments

Latest