भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रीडेटर ड्रोन की डील को भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी ने महंगा सौदा करार दिया है। भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दावा किया है कि भारत अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने के लिए अन्य देशों की तुलना में अधिक भुगतान कर रहा है। अन्य देश भारत की तुलना में प्रीडेटर ड्रोन के लिए चार गुना से भी कम कीमत चुका रहे हैं।
कांग्रस ने कहा कि भारत 31 प्रीडेटर ड्रोन 3 बिलियन डॉलर यानी लगभग 25000 करोड़ रुपये में खरीद रहा है, जिसका अर्थ है कि एक प्रीडेटर ड्रोन की कीमत भारत को 880 करोड़ रुपये पड़ रही है। कांग्रेस के एक प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि जिस तरह राफेल के सौदे में हुआ वही अमेरिका के साथ प्रीडेटर ड्रोन सौदा में दोहराया जा रहा है।
#WATCH | What happened in the Rafale deal, is being repeated in the Predator drone deal with US. Other countries are buying the same drones at less than four times the price. India is buying 31 Predator drones for 3 billion US dollars, which is Rs 25,000 crores. We are buying a… pic.twitter.com/ph729vDjzA
— ANI (@ANI) June 28, 2023
हालांकि कांग्रेस की इस प्रतिक्रिया से कुछ दिन पहले ही भारत के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं डील से जुड़ी रिपोर्ट का खंडन किया था। रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि ये रिपोर्टें अनावश्यक हैं और इसे गुप्त उद्देश्यों वाले लोगों द्वारा तैयार किया गया है। यह रिपोर्ट अधिग्रहण प्रक्रिया को पटरी से उतारने की मंशा से बनाई गई है। बयान में कहा गया था कि इस संबंध में सभी से अनुरोध है कि वे फर्जी खबरें और गलत सूचना न फैलाएं। यह सशस्त्र बलों के मनोबल पर गंभीर प्रभाव डालने के साथ-साथ अधिग्रहण प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं।
.@SaketGokhale has made a claim regarding the acquisition of MQ-9B drones #PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 25, 2023
➡️This claim is #Misleading
➡️This is the price quoted by the US govt. Price & the terms of purchase are yet to be finalised & are subject to negotiations
Read: https://t.co/mw1TTeeTzi pic.twitter.com/cKfxigzn6m
वहीं कीमत की बात की जाए तो ड्रोन भारत में किस कीमत पर आएंगे इस पर अमेरिकी सरकार से नीतिगत मंजूरी मिलने के बाद बातचीत की जाएगी। रक्षा मंत्रालय अधिग्रहण लागत की तुलना जनरल एटॉमिक्स (GA) द्वारा अन्य देशों को प्रदान की गई सर्वोत्तम कीमत से करेगा।
आपको बता दें कि प्रीडेटर ड्रोन एक बार में 36 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। इन ड्रोन का उपयोग किसी मुख्य बिंदु या फिर क्षेत्र की निगरानी के लिए भी किया जा सकता है। चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं सहित क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन को भारत भर में तीन प्रमुख केंद्रों पर तैनात किया जाएगा। इनमें से एक को उत्तर या उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में तैनात किया जाएगा जबकि दूसरे को पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। तीनों सेनाएं इन ड्रोनों को अपने ठिकानों से भी संचालित करेंगी जो मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs) को लॉन्च और लैंडिंग करने में सक्षम बनाएंगी।
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