अमेरिकी राज्य टेक्सास से लापता हुए दिव्यांग बच्चे के भारतीय अमेरिकी सौतेले पिता पर स्थानीय पुलिस ने एक और मामला दर्ज किया है। अर्शदीप सिंह नाम के इस शख्स पर पुलिस ने पहले मासूम बच्चे की हत्या का आरोप लगाया था। अब पुलिस प्रशासन ने उस पर अपने नियोक्ता के 10,000 डॉलर चुराने का भी आरोप लगाया गया है। अर्शदीप सिंह और उसकी पत्नी देश छोड़कर भारत भाग चुके हैं। पुलिस को मासूम बच्चे की बॉडी अभी तक नहीं मिली है। इसलिए बच्चे को मृत माना जा रहा है। यह बच्चा अर्शदीप सिंह की पत्नी के 10 बच्चों में से एक था।
पूरा मामला ये है कि पिछले साल नवंबर से नोएल नाम का छह वर्षीय दिव्यांग बच्चा लापता है। पुलिस को गुप्त सूत्रों से बच्चे के लापता होने की सूचना मिली थी। इसके बाद ही पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू कर दी थी। हालांकि अर्शदीप सिंह और उसकी पत्नी सिंडी भारत भाग गए थे। पुलिस ने उनके खिलाफ बच्चे को बेसहारा छोड़ने और उसकी जिंदगी को खतरे में डालने के आरोप में मामला दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने मामले को हत्या की जांच में तब्दील कर दिया।
एवरमैन पुलिस प्रमुख क्रेग स्पेंसर ने 25 अप्रैल को जानकारी देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि इन भगोड़ों को गिरफ्तार किया जाए और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित किया जाए ताकि हम मासूम बच्चे के लापता होने के जवाब मांगे जा सकें। स्पेंसर ने कहा है कि हम सिंह और उनकी पत्नी का पता लगाने और उन्हें प्रत्यर्पित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम करने के लिए संघीय अधिकारियों पर निर्भर हैं।
स्पेंसर ने बताया कि एक टिप मिलने के बाद एवरमैन पुलिस ने मार्च में नोएल की तलाश शुरू कर दी थी। अब जानकारी मिली है कि अर्शदीप सिंह ने पिछले महीने देश छोड़ने से कुछ घंटे पहले एक सुविधा स्टोर पर सामान की डिलीवरी की थी और अपने नियोक्ता के 10,000 डॉलर की नकदी चुरा ली। इसके लिए अर्शदीप ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
अधिकारी ने बताया कि जिस वक्त अर्शदीप और उसकी पत्नी ने देश छोड़ा, उस वक्त नोएल उनके साथ नहीं था। अर्शदीप और उसकी पत्नी सिंडी व उसके छह बच्चों के लिए ही एक तरफा एयलाइन टिकट खरीदी गईं थीं। इसके लिए अर्शदीप सिंह ने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया था।
अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि अर्शदीप ने पिछले साल नवंबर में अपने जुड़वा बच्चों के पैदा होने के एक सप्ताह के बीच देश से भागने की योजना बनाना शुरू कर दिया था। माता-पिता ने नोएल का कभी भी स्कूल में दाखिला तक नहीं करवाया था। इससे ऐसा मालूम पड़ता है कि नोएल के साथ नियमित रूप से दुर्व्यवहार किया जा रहा था।
अधिकारी का कहना है कि ऐसा कोई डेटा नहीं मिलता है जिससे पता चल सके कि परिवार ने टेक्सास-मेक्सिको सीमा की यात्रा की हो और नोएल को बेच दिया हो। इसलिए पुलिस बच्चे की बॉडी तलाशने में जुटी हुई है। बता दें कि नोएल समेत सिंडी के 10 बच्चे थे। इनमें से 3 बच्चे दादा-दादी के साथ रहते थे जबकि बाकी 7 बच्चे एवरमैन के एक इलाके में एक किराये के मकान में रह रहे थे।