ऑस्ट्रेलिया में एक बरसों पुराना दस्तावेज किताब के रूप में मिला है जिसे सिखों के प्रवास का बही-खाता माना जा रहा है। पर्थ के उत्तर-पश्चिम में डोंगरा में मिला यह दस्तावेज 100 साल से अधिक पुराना बताया जा रहा है. इसे पंजाबी भाषा की आधिकारिक लिपि गुरमुखी में कमलबद्ध किया गया है।
एसबीएस पंजाबी के अनुसार सिख एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (सावा) के सदस्य तरुण प्रीत सिंह ने इस खोज की पुष्टि की है। तरुण इस अनूठी प्रति को देखने के लिए खुद डोंगरा गए थे। यह दस्तावेज डोंगरा में आमतौर पर भुला दिए गए सिख समुदाय पर रोशनी डालता है। तरुण प्रीत ऑस्ट्रेलिया में सिखों के इतिहास को उजागर करने की दिशा में सक्रिय रहे हैं।