कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर राजनयिक पर विवाद के बीच भारत के तीखे रुख को देखते हुए कनाडा ने यह कदम उठाया है। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने यह जानकारी देते हुए कहा कि हम कोई जवाबी कदम नहीं उठाएंगे।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटो का हाथ होने के आरोपों के बाद से दोनों देशों के राजनयिक संबंध इस वक्त तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। इसी दौरान भारत ने भारत ने कनाडा से अपने राजनयिकों की संख्या घटाने को कहा था।
Parity in Canadian diplomatic presence in India:https://t.co/O1fqsrOx8n pic.twitter.com/WxJojOrr5D
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) October 20, 2023
जोली ने दावा किया कि भारत ने धमकी दी थी कि अगर राजनयिक नहीं गए तो वह उनकी आधिकारिक स्टेटस को रद्द कर देगा। यह कदम अभूतपूर्व था और राजनयिक संबंधों पर वियना सम्मेलन का स्पष्ट रूप से उल्लंघन था।
उन्होंने कहा कि अपने राजनयिकों की सुरक्षा को देखते हुए हमने भारत से उन्हें वापस बुला लिया है। जोली ने कहा कि अगर हम राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं तो कहीं भी कोई राजनयिक सुरक्षित नहीं रह जाएगा। इसी वजह से हम इस पर जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे। बता दें कि कनाडा के भारत में अब 21 राजनयिक रह गए हैं।
कनाडा के आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि राजनयिकों की वापसी का मतलब है कि हमें आप्रवासन मामलों को देखने वाले दूतावास कर्मचारियों की संख्या में कटौती करनी होगी।
उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इसकी वजह से पूरे कनाडा में ग्राहकों, परिवारों, शैक्षणिक संस्थानों, समुदायों, व्यवसायों को परेशानी हो सकती है। हालांकि भारत में वीज़ा आवेदन केंद्र थर्ड पार्टी द्वारा संचालित किए जाते हैं इसलिए वे प्रभावित नहीं होंगे।