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कनाडाई सचिव मनिंदर सिद्धू ने भारत में हिंद-प्रशांत रणनीति को दी धार

मनिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि कनाडा और भारत का एक समृद्ध इतिहास रहा है। व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने में दोनों देश एक-दूसरे की हितों का ख्याल रखते हैं। हिंद-प्रशांत रणनीति के तहत हम आर्थिक उन्नति और समृद्धि के नए द्वार खोल रहे हैं।

संसदीय सचिव मनिंदर सिद्धू (साभार सोशल मीडिया)

कनाडाई विदेश मंत्री के संसदीय सचिव मनिंदर सिद्धू हिंद-प्रशांत रणनीति के तहत भारत से संबंधों को मजबूती देने के लिए इन दिनों दिल्ली में हैं। वह व्यापारिक नेताओं और नागरिक समुदायों के साथ भी बैठकें कर रहे हैं। विदेश मंत्री मेलनी जोली ने बताया कि सिद्धू ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कनाडा के हितों को बढ़ावा देने के लिए व्यापारिक नेताओं, स्टार्ट-अप और उद्योग संघों के साथ कई बैठकें की हैं।

सिद्धू कनाडा के उन कारोबारियों से भी मुलाकात कर रहे हैं जो भारत में कनाडा के निवेश का नेतृत्व कर रहे हैं और लंबे समय से कनाडा-भारत संबंधों का निर्माण कर रहे हैं। इन बैठकों में ब्रिटिश कोलंबिया वानिकी नवोन्मेष निवेश और हिंद-कनाडाई व्यावसायिक परिषद  शामिल रहीं।

संसदीय सचिव ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए कनाडा की प्रतिबद्धता के तहत कनाडा-इंडिया गेटवे हाउस और मान देशी फाउंडेशन के प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की। यह अधिक सुरक्षित, समावेशी और टिकाऊ हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने की कनाडा की प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं।

संसदीय सचिव सिद्धू 4 मार्च तक दिल्ली में रहेंगे और जी20 में विदेश मंत्रियों की बैठक में मंत्री जोली के साथ शामिल होंगे। वह कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति के तहत भारत से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ गोलमेज बैठक का नेतृत्व भी करेंगे। समकालीन वैश्विक चुनौतियों पर रायसीना डायलॉग में मंत्री जोली के साथ शामिल होंगे।

मनिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि कनाडा और भारत का एक समृद्ध इतिहास रहा है। व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने में दोनों देश एक-दूसरे की हितों का ख्याल रखते हैं। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत रणनीति के तहत हम आर्थिक उन्नति और समृद्धि के नए अवसरों को खोल रहे हैं।

बता दें कि कनाडा में रहने वाले भारत के जातीय और सांस्कृतिक मूल के लोगों की संख्या 2021 तक 13 लाख से अधिक हो चुकी है। कुल व्यापार के मामले में 2022 में भारत कनाडा का 10वां सबसे बड़ा साझेदार था। यह रिश्ता लगातार गहरा रहा है। अमेरिका के बाद हिंद-प्रशांत में कनाडा भारत का दूसरा बड़ा मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट मार्केट है।

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