कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों के जाने के बाद चंडीगढ़, मुंबई और बंगलुरू में अपने काउंसलेट बंद कर दिये हैं, इसकी वजह से भारत से कनाडा जाने के इच्छुक हजारों लोगों के वीजा आवेदन फंस गए हैं। कनाडा ने कहा है कि अब केवल नई दिल्ली स्थित दूतावास से ही वीजा आवेदन पर विचार किया जा रहा है। लेकिन राजनयिकों की कमी की वजह से वह बहुत अधिक वीजा आवेदन को मंजूरी देने की स्थिति में नहीं है। काउंसलेट कार्यालय किसी भी दूतावास का एक ब्रांच आफिस होता है, जहां पर उस परिक्षेत्र की जनता वीजा के लिए आवेदन करती है। ऐसा होने से लोगों को इसके लिए दिल्ली स्थित संबंधित दूतावास के कार्यालय नहीं आना होता है।
इस बीच, इन तीनों काउंसलेट के बंद होने से करीब 15 हजार वीजा आवेदन के फंसने की सूचना सामने आ रही है। इसमें से भी सबसे अधिक आवेदन चंडीगढ़ काउंसलेट के हैं। जहां पर पंजाब के आवेदन जमा किये जाते हैं। इस मामले में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस मामले को त्वरित और सावधानीपूर्वक हल करने के लिए कदम उठाए। इसकी वजह यह है कि पंजाब से हर साल हजारों लोग कनाडा जाते हैं। इनमें वे लोग भी शामिल हैं। जिनके परिजन कनाडा में रहते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में छात्र भी कनाडा स्टडी वीजा पर पढ़ने के लिए जाते हैं। अगर यह विवाद बढ़ता है तो इसका सीधा असर पंजाब की आर्थिक और शैक्षिक स्थिति पर भी होगा।
दूसरी ओर, कनाडा दूतावास ने कहा है कि वह चाहता है कि वीजा आवेदन पर वह जल्द सुनवाई करे। लेकिन सीमित राजनयिकों की उपलब्धता की वजह से वह ऐसा करने में असमर्थ है। कनाडा दूतावास के एक राजनयिक ने पूछने पर न्यू इंडिया अब्रोड को जानकारी दी कि हमारी वीजा की एक तय प्रक्रिया है। हम उसका अनुपालन करते हैं। जब तक सभी बिंदुओं की जांच नहीं होती है। किसी को भी वीजा देने का निर्णय नहीं किया जाता है। ऐसे में हजारों आवेदन को जल्द संस्तुति नहीं मिल सकती है। हम अपनी पूरी गति से भी कार्य करेंगे तो भी इस मामले में देरी होगी।
कनाडा दूतावास ने हालांकि वीजा प्रक्रिया को बंद नहीं किया है। वह नए आवेदन भी ले रहा है। लेकिन उसने कहा है कि वह वीजा कब तक जारी करेगा, इसको लेकर वह कोई तिथि नहीं बता सकता है। इससे पहले भारत ने करीब एक महीने पहले कनाडा से भारत आने वालों के लिए वीजा सेवा बंद कर दी थी। कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के बाद जब कनाडा ने इस मामले में भारत के संलिपत होने का आरोप लगाया था। उसके बाद दोनों देश के रिश्तों में खटास उत्पन्न हो गई थी। जिसके उपरांत भारत ने अस्थाई तौर पर कनाडा से भारत आने वाले लोगों के नए वीजा पर रोक लगा दी है।