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क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार किया जा सकता है?

दिल्ली सरकार द्वारा दो साल पहले लागू की गई एक्साइज पॉलिसी की जांच में यह बात उभरकर सामने आई कि इस शराब कारोबारियों को मोटा मुनाफा देने के लिए इसे लाया गया। आरोप के बाद इसी साल जुलाई माह में सरकार ने इस नीति को वापस लेकर अपनी सरकारी नीति लागू कर दी थी।

सभी फोटोज: सोशल मीडिया

भारत की राजधानी नई दिल्ली का पारा आजकल एकदम हाई है। असल में शराब नीति में हुए घोटाले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देश के प्रर्वतन निदेशालय (ED) ने बुधवार सुबह पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन सीएम ने इस ईडी के इस बुलावे के नोटिस को गैरकानूनी ओर राजनीति से प्रेरित बताते हुए उसे वापस लेने की मांग की है। उनका यह भी आरोप है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी के कहने पर उन्हें नोटिस भेजा गया है ताकि वह चार राज्यों में हो रहे चुनाव में प्रचार के लिए न जा सकें। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ईडी मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है और अगर ऐसा हुआ तो उनके राजनैतिक दल ‘आम आदमी पार्टी’ का क्या हश्र होगा।

बताते चलें कि दिल्ली सरकार द्वारा दो साल पहले दिल्ली में लागू की गई एक्साइज पॉलिसी पर सवाल उठे ओर सरकारी जांच में यह बात उभरकर सामने आई कि इस शराब कारोबारियों को मोटा मुनाफा देने के लिए इस पॉलिसी को लाया गया है। इस आरोप के बाद इसी साल जुलाई माह में सरकार ने इस नीति को वापस लेकर अपनी सरकारी नीति लागू कर दी, जबकि इससे पहले तक शराब की बिक्री निजी हाथों में चली गई थी। इसी कथित घोटाले के चलते दिल्ली सरकार के दूसरे नंबर के मजबूत नेता व एक्साइज मंत्री मनीष सिसोदिया जेल में सजा भुगत रहे हैं। बाद में इसी आरोप के चलते पार्टी के सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। एक्साइज घोटाले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए ईडी ने आज अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने उलटे इस जांच एजेंसी पर आरोप लगा दिए और चुनाव प्रचार के लिए दूसरे राज्यों में चले गए।

ईडी ने पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल को समन भेजा है।

ईडी के नोटिस पर दिल्ली सीएम ने उसे दो पेज का एक पत्र भेजा है और कई आरोप लगा दिए हैं। उन्होंने ईडी से पूछा है कि किस हैसियत से उन्हें बुलाया गया है, एक गवाह के रूप में या एक संदिग्ध के रूप में। समन में इसका जिक्र नहीं है। समन में यह भी नहीं बताया गया है कि उन्हें एक व्यक्ति के रूप में या दिल्ली के सीएम के रूप में या उनकी पार्टी के संयोजक के रूप में बुलाया गया है? केजरीवाल का आरोप है कि यह समन उन्हें बीजेपी की शह पर भेजा गया है। उनका कहना है कि सीएम व एक वरिष्ठ नेता होने के चलते वह चुनाव प्रचार में जा रहे हैं। देश में हो रहे पांच राज्यों में चुनाव प्रचार का उनका कार्यक्रम पहले से ही तय था। इसके अलावा सीएम होने के नाते वह व्यस्त हैं और दिवाली का त्योहार भी उन्हें व्यस्त रखेगा। संदेश यही है कि सीएम जांच के लिए नहीं जा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि उन्होंने ईडी के समन को अस्पष्ट व कानूनी रूप से कमजोर भी माना है। 

ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ईडी अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है, क्योंकि उन्होंने समन पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मसले पर ईडी के एक पूर्व अधिकारी का कहना है कि ईडी के पास संवैधानिक अधिकार है कि भ्रष्टाचार के किसी मसले पर बुलाए गए आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है। चूंकि शराब घोटाले में पार्टी के दो नेता पहले से ही जेल में बंद है, ऐसे में संभावना है कि केजरीवाल को अरेस्ट करना कोई बड़ी बात नही है। संभावना इस बात की भी है कि उन्हें एक और नोटिस दिया जाए, उसके बाद उनकी गिरफ्तारी डाल दी जाए। अधिकारी के अनुसार ईडी ने अपने समन में यह सूचित नहीं किया है कि सीएम को किस उद्देश्य के लिए बुलाया गया है। अगर उन पर लगाए गए चार्ज गंभीर होंगे तो उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। इस मसले पर ईडी को किसी से परामर्श लेने की जरूरत नहीं है।

ईडी के समन पर केजरीवाल ने एक पत्र लिखकर उलटे पर ही आरोप लगा दिए हैं।

बड़ी बात यह है कि अगर आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाता है, तो दिल्ली और देश की राजनीति पर सनसनी का आलम बन सकता है। पहली बात तो यही है कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बुलंद कर सत्ता में आए हैं, ऐसे में भ्रष्टाचार पर ही उनकी गिरफ्तारी पार्टी को असहज स्थिति में ला खड़ा करेगी। दूसरे, भारत के विपक्षी दलों के बनाए गए गठबंधन ‘INDIA’ में भी केजरीवाल प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, ऐसे में गठबंधन को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। तीसरी बात यह है कि अगर सीएम गिरफ्तार हो जाते हैं तो दिल्ली सरकार को कौन चलाएगा। ये ऐसे सवाल हैं, जिनका उत्तर उनकी गिरफ्तारी के बाद ही मिल पाएगा।

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