कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में जातिगत समानता की मांग करते हुए कैलिफोर्निया कोएलिशन फॉर कास्ट इक्वैलिटी के कार्यकर्ताओं ने अनशन शुरू किया है। उनकी मांग है कि गवर्नर गेविन न्यूसम एसबी 403 पर हस्ताक्षर करें। यह एक विधेयक है जिसमें कैलिफोर्निया नागरिक अधिकार अधिनियम में वंशगत जाति को संरक्षित वर्ग के रूप में जोड़ने का प्रावधान है।
Dr. Singh tells us why, as a commitment to seek justice, he and the California Coalition for Caste Equity are participating in a hunger strike. For Dr. Singh, a hunger strike is a way to boldly fight for caste equity and advocate for the passage of SB403 into California law. pic.twitter.com/XTcVPt3iJs
— Equality Labs (@EqualityLabs) September 6, 2023
सीनेटर आयशा वहाब द्वारा प्रायोजित एसबी 403 बिल कैलिफोर्निया राज्य सीनेट में 31-5 वोट से गिर गया था। कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा ने पहले विधेयक का संशोधित संस्करण पारित किया था। कानून बनने से पहले बिल पर अब न्यूजस के हस्ताक्षर की आवश्यकता है। गवर्नर के पास कानून पर अपना निर्णय देने के लिए 14 अक्टूबर तक का समय है।

अगर न्यूसम विधेयक पर हस्ताक्षर कर देते हैं तो कैलिफोर्निया औपचारिक रूप से जाति भेदभाव को मान्यता देने वाला अमेरिका का पहला राज्य बन जाएगा। न्यूसम के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि बिल अभी तक गवर्नर के सामने प्रस्तुत नहीं किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल के पास आने के बाद विधेयक का मूल्यांकन उसके प्रावधानों के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि न्यूजस ने ऐसा कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है कि वह बिल पर हस्ताक्षर करने का इरादा रखते हैं या नहीं।
जाति संरक्षण की लड़ाई का नेतृत्व करने वाली इक्वेलिटी लैब्स के कार्यकारी निदेशक थेनमोझी सुंदरराजन ने अनशन के दूसरे दिन न्यू इंडिया अब्रॉड से बात की। उन्होंने कहा कि गवर्नर कार्यालय इस विधेयक का समर्थन करता रहा है। गवर्नर मानते हैं कि यह कानून राज्य में लोगों के लिए लोकतंत्र का मार्ग है।
उन्होंने कहा कि कैलिफ़ोर्निया नागरिक अधिकारों के मामले में अग्रणी है। हमारे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम समुदाय को याद दिलाएं कि यहां दांव पर क्या लगा है। जातिगत भेदभाव के कारण लोगों ने अपने घर और नौकरियां खो दी हैं। उन्हें मानसिक और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा है।
सुंदरराजन ने कहा कि गर्मी की वजह से लोग थोड़ी थकान महसूस कर रहे हैं लेकिन बिल पर हस्ताक्षर होने तक हम यहां से नहीं जाएंगे। कई लोग अपने घरों से भूख हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। एनएएसीपी और नेशनल एशियन पैसिफिक अमेरिकन बार एसोसिएशन ने इसका समर्थन किया है।
1021 ओ स्ट्रीट के बाहर भूख हड़ताल में शामिल हुए कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड के चिकित्सक डॉ. निर्मल सिंह ने न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा कि भारत की भेदभाव मुक्त और सकारात्मक नीतियों का मैं खुद साक्षी हूं। दो लड़कियों के पिता के रूप में अब यह मुझ पर है कि मैं भेदभाव से मुक्त सुरक्षित वातावरण प्रदान करूं। लोग अपनी आवाज उठाने से डरते हैं। मैं उनकी आवाज बनना चाहता हूं जो अपने साथ हुए भेदभाव के बारे में नहीं बोल सकते।
इस बीच इस बिल के विरोधी भी मुखर हैं। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन का मानना है कि मौजूदा कानून के तहत जाति भेदभाव पहले से ही अवैध है। फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक समीर कालरा ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि हम निश्चित रूप से निराश थे कि विधेयक विधानमंडल में पारित हो गया। लेकिन कुछ विधायक मतदान से अनुपस्थित थे। इससे संकेत मिलता है कि विधानमंडल में इसे पूर्ण समर्थन नहीं है।
उन्होंने कहा कियह जाति-आधारित भेदभाव की समस्या से निपटने का उचित तरीका नहीं है। वह पहले से ही मौजूदा कानून द्वारा संरक्षित है। यह सभी दक्षिण एशियाई अमेरिकियों पर असर डालता है। हमें उम्मीद है कि राज्यपाल देखेंगे कि यह विधेयक समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है या नहीं। कालरा ने कहा कि वह और इस उपाय का विरोध करने वाले अन्य समूह अपनी चिंताओं से राज्यपाल कार्यालय को अवगत कराएंगे। उपाय का विरोध करने वाली रैलियों की योजना बनाई जा रही है।