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अमेरिका में NRI दंपती अनजान, भारत में उनका बंगला 3 बार बिक गया

अमेरिका में जाकर बस गए एक बुजुर्ग एनआरआई दंपती ने 2021 में परिवार के एक सदस्य के जरिए पुणे के कोंढवा में अपना बंगला बिकवाने के लिए पेपर एक स्थानीय प्रॉपर्टी डीलर को दिए थे। इसके बाद जालसाजों ने उस बंगले पर उसने फर्जीवाड़ा करके 11.8 करोड़ का लोन ले लिया और कई बार बेच दिया।

सांकेतिक चित्र (साभार : सोशल मीडिया)

अमेरिका में जाकर बस चुके एक अप्रवासी भारतीय के साथ बड़ी धोखाधड़ी हुई है। भारत के पुणे शहर में उनके बंगले को कम से कम तीन बार बैंकों और वित्तीय फर्मों में या तो बेच दिया गया या गिरवी रखकर रकम ले ली गई। चौंकाने वाली ये है कि बंगले के मालिक को इसकी भनक तक नहीं लगी और जालसाजों ने प्रॉपर्टी पर 11.8 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया। अब अप्रवासी भारतीय ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है।

इस फर्जीवाड़े की शुरुआत वर्ष 2021 से हुई। अमेरिका में रहने वाले बुजुर्ग एनआरआई दंपती का पुणे के कोंढवा स्थित एनआईबीएम रोड पर एक बंगला है। 2021 में उन्होंने अपने ही परिवार के एक सदस्य के जरिए इस बंगले को बेचने की प्रक्रिया शुरू की थी। कुछ रियल एस्टेट एजेंटों को संपत्ति के दस्तावेज दे दिए और खरीदार खोजने के लिए कहा।

पुलिस के मुताबिक मार्च 2021 और जून 2022 के बीच जालसाजों ने एक रियल एस्टेट एजेंट की मदद से फर्जीवाड़ा शुरू किया। ऐसे ही एक दंपती को बंगले का मालिक बनाकर उप-पंजीयक कार्यालयों में ले गए और एक-एक करके कई बार उसे बेच दिया और गिरवी रख दिया।

जालसाजों ने बंगले के असली मालिक के नाम से फर्जी पैन और आधार कार्ड भी बनवा लिए। उनके आधार पर बैंक खाता खोल लिए। बाद में बंगले को बैंक में गिरवी रखकर उस पर लोन ले लिया और रकम अपने खातों में ले ली।  जब ये सब चल रहा था, बंगले के असली मालिक को इसकी भनक तक नहीं थी।

यह पूरा गोरखधंधा पिछले साल जुलाई में असली बंगला मालिकों की जानकारी में तब आया जब एक शुभचिंतक ने बंगले के फर्जी लेनदेन के बारे में उन्हें जानकारी दी। मालिकों ने परिवार के एक सदस्य की मदद से पुणे शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई। ईओडब्ल्यू की तरफ से कुछ महीनों तक जांच कार्यवाही चलने के बाद अब बंगला मालिक ने शुक्रवार को पुणे के कोंढवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

पुलिस ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस मामले में आरोपी आबिद शेख की पहचान रियल एस्टेट एजेंट के रूप में है। उसी पर आरोप है कि उसने खरीदारों को खोजने के लिए संपत्ति के दस्तावेज एकत्र किए। दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची और फर्जी लेनदेन के माध्यम से संपत्ति को गिरवी रख दिया।

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