Skip to content

'ब्रिटेन में हिंदू छात्रों से नफरती व्यवहार, रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

लंदन स्थित हेनरी जैक्सन सोसाइटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन के स्कूलों में हिंदू छात्रों के साथ बुरे स्तर का भेदभाव किया जाता है। स्कूलों के अंदर हिंदू छात्रों से काफी खतरनाक स्तर तक अपमान किया जाता है और उन्हें नस्लीय हिंसा का शिकार बनाया जाता है।

Photo by Toa Heftiba / Unsplash

ब्रिटेन के स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत फैलने को लेकर आगाह किया गया है। ब्रिटेन की एक संस्था ने बुधवार के एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कई घटनाओं के उदाहरण दिए गए है, जिनमें हिंदुओं के खिलाफ भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार का जिक्र है। यह रिपोर्ट देशभर के 1,000 स्कूलों से मांगी गई जानकारी और अभिभावकों से की गई बातचीत पर आधारित है। ब्रिटेन में अपनी तरह की इस पहली रिपोर्ट को सिफारिशों के साथ शिक्षा सचिव के सामने पेश किया जाएगा।

शार्लोट लिटिलवुड की अगुवाई में लंदन स्थित हेनरी जैक्सन सोसाइटी की रिपोर्ट में 988 हिंदू माता-पिता को शामिल किया गया। संस्था ने ‘स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत’ रिपोर्ट में कहा है कि जिन हिंदू अभिभावकों से बातचीत की गई, उनमें से 51 प्रतिशत ने बताया कि उनके बच्चे को हिंदू-विरोधी नफरत का सामना करना पड़ा है। अध्ययन में शामिल कुछ प्रतिभागियों ने कहा है कि हिंदू धर्म की शिक्षा के मामले में भी हिंदू छात्रों के साथ धार्मिक भेदभाव किया जा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू छात्रों को ‘हिंदू विरोधी गालियों’ का सामना करना पड़ता है। यह महज एकाध दिन की घटनाएं नहीं हैं। वर्षों से कई छात्रों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है।
लिटिलवुड ने रिपोर्ट पर पांच महीने बिताए। इस दौरान उन्हें पता चला कि पूर्वी लंदन में एक छात्र को इस तरह के अपमान के कारण तीन बार स्कूल बदलना पड़ा। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि यह पूर्वी लंदन के एक स्कूल में हुआ था, जिसमें कई दक्षिण एशियाई छात्र पढ़ते हैं। यह हमारे जैसे देश में परेशान करने वाला मसला है। लिटिलवुड ने कहा हम इस रिपोर्ट के माध्यम से ब्रिटेन के स्कूलों की नीति में बदलाव की मांग कर रहे हैं। स्कूलों के पास ऐसी घटनाओं की सालाना रिपोर्ट होनी चाहिए और उन्हें यह भी बताना होगा कि इनसे कैसे निपटा गया।

रिपोर्ट में ब्रिटेन के कॉलेजों में 22 साल तक के छात्रों से जुड़ी घटनाओं का भी विवरण दिया गया है। मार्च में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में कानून में मास्टर डिग्री के लिए पढ़ने वाले एक हिंदू छात्र करण कटारिया ने आरोप लगाया था कि स्कूल में महासचिव पद के लिए अपने चुनावी अभियान के दौरान उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि अकादमिक प्रतिनिधि के रूप में चुने जाने के बाद मुझे महासचिव के पद के लिए खड़े होने का आत्मविश्वास महसूस हुआ। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान मेरे हिंदू होने के कारण मेरे खिलाफ अभियान चलाया गया।

ब्रिटेन में विभिन्न स्कूलों की संस्था इंडिपेंडेंट स्कूल काउंसिल ने रिपोर्ट के खुलासों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। हालांकि, शिक्षकों ने नफरत की घटनाओं के होने को स्वीकार किया है। उन्होंने ऐसी घटनाओं की पहचान करने और उनसे निपटने में मदद करने के लिए बेहतर संसाधन और प्रशिक्षण को जरूरी बताया है।

Comments

Latest