Skip to content

भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में घुलेगी मिठास? बिलावल भुट्टो जाएंगे गोवा

साल 2014 के बाद यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान का कोई बड़ा नेता भारत जा रहा है। 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्र की सत्‍ता में आए थे, तब तत्‍कालीन पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे अरसे से चली आ रही कटुता में कुछ कमी आने के आसार नजर आ रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत में होने जा रहे SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने का फैसला किया है। यह सम्मेलन 4-5 मई को भारत के गोवा राज्य में होगा। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि भुट्टो इस सम्मेलन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

इससे पहले हिना रब्बानी खार बतौर पाकिस्तानी विदेश मंत्री 2011 में भारत आई थीं। साल 2014 के बाद यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान का कोई बड़ा नेता भारत जा रहा है। 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्र की सत्‍ता में आए थे, तब तत्‍कालीन पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था। बिलावल की यह दूसरी भारत यात्रा होगी। इससे पहले साल 2012 में वह अपने पिता और पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ भारत आए थे।

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों में काफी खटास आई है। खासकर 2019 में पुलवामा हमले और उसके बाद भारत द्वारा पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद दोनों के बीच काफी तनाव हो गया था। उसके बाद भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने पर भी पाकिस्तान में काफी नाराजगी देखी गई थी।

हालांकि बिलावल भुट्टो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्मीर को लेकर कई बार तीखी बयानबाजी कर चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में यूएन के एक कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना अल कायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन से कर दी थी। उन्होंने मोदी के लिए और भी जहरीले शब्दों का इस्तेमाल किया था।

भारत ने पाकिस्तान को अलग से कोई न्योता नहीं भेजा था बल्कि SCO के सभी सदस्यों के साथ यह आमंत्रण दिया गया था। एससीओ की स्थापना जून 2001 में शंघाई में हुई थी। इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे।

Comments

Latest