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फिलाडेल्फिया के मंदिर में राजस्थानी संस्कृति और मिलेट्स का अनूठा संगम

फिलाडेल्फिया में भारतीय मंदिर के संस्थापक अध्यक्ष नंद जी टोडी और मंदिर के ट्रस्टी डॉ. रवि मुरारका अपने सहयोगियों व मित्रों के साथ मिलकर पिछले 15 वर्षों से गणगौर उत्सव मना रहे हैं। इस बार उत्सव का खास आकर्षण रहा बाजरा।

फिलाडेल्फिया स्थित भारतीय मंदिर में बड़े धूमधाम से राजस्थानी गणगौर महोत्सव मनाया गया। इस मौके पर राजस्थानी संस्कृति, कला और संगीत का बेजोड़ समन्वय देखने को मिला। 19 मार्च को आयोजित महोत्सव का खास आकर्षण रहा बाजरा दिवस। पोषक अनाज बाजरे से बने व्यंजनों की लोगों ने खूब तारीफ की।

फिलाडेल्फिया में भारतीय मंदिर के संस्थापक अध्यक्ष नंद जी टोडी और मंदिर के ट्रस्टी डॉ. रवि मुरारका अपने सहयोगियों व मित्रों के साथ मिलकर पिछले 15 वर्षों से गणगौर उत्सव मना रहे हैं। इस बार उत्सव का कुछ अलग ही नजारा रहा।

यह महोत्सव  फिलाडेल्फिया राजस्थानी मंडल (परम) के सहयोग और समन्वय में मनाया गया। इस मौके पर न्यूयॉर्क में भारत के उप महावाणिज्य दूत वरुण जेफ और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राणा) के अध्यक्ष प्रेम भंडारी विशेष रूप से  उपस्थित रहे। उन्होंने सभी को गणगौर उत्सव की शुभकामनाएं भी दीं।

इस वर्ष यह उत्सव और भी खास रहा क्योंकि उत्सव के आयोजकों ने भारत सरकार की खास पहल पोषक अनाज (मिलेट) को बढ़ावा दिया। अमेरिका में पैदा हुए राजस्थानी परिवारों के बच्चों ने बाजरे के महत्व और उसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी दी। बाजरे के तरह तरह के व्यंजन तैयार करके प्रदर्शित किया गया।

भारतीय मूल के बच्चों द्वारा बाजरे की खासियतों पर दी गई जानकारी से डॉ. वरुण और प्रेम भंडारी बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने बच्चों की सराहना की और उन्हें आशीर्वाद दिया। इस उत्सव में राजस्थानी परिवारों के 300-400 सदस्य शामिल हुए। पारंपरिक राजस्थानी शैली में स्वागत से उत्सव की शुरुआत हुई। उसके बाद गणगौर पूजा और शोभायात्रा निकाली गई।

लोगों ने पारंपरिक, सांस्कृतिक आयोजनों और स्थानीय व लोक नृत्यों का खूब आनंद लिया। इस मौके पर राजस्थान के पारंपरिक भोजन दाल, बाटी, गट्टे की सब्जी, चूरमा समेत कई स्वादिष्ट भोजन परोसे गए।

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