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भारतीय कंपनी के जरिए अमेरिकियों के हेल्थ रिकॉर्ड में 'धांधली' की, देना होगा 370 करोड़ मुआवजा

बायो टेलिमेट्री और कार्डियोनेट अमेरिका में मरीजों के दिल की जांच करके उनकी रिपोर्ट्स को भारत में एक कंपनी से रिव्यू करवाती थीं जो कि अमेरिकी बीमा नियमों के खिलाफ है। ये भी आरोप था कि उस भारतीय कंपनी के 450 में से महज 3 फीसदी टेक्निशियन ही इस काम के लिए योग्य थे।

अमेरिका की दो कंपनियों ने भारत की एक कंपनी की मदद से मरीजों के दिल संबंधी स्वास्थ्य रिकॉर्ड में धांधली के आरोप कबूल कर लिए हैं और भारी-भरकम मुआवजा देने को राजी हो गई हैं। पेंसिलवेनिया स्थित बायो टेलिमेट्री आईएनसी और कार्डियो नेट एलएलसी को बतौर मुआवजा 44.8 मिलियन डॉलर (लगभग 370 करोड़ रुपये) देने होंगे।

दरअसल बायो टेलिमेट्री और कार्डियोनेट अमेरिका में बुजुर्ग मरीजों के दिल की जांच करके उनकी रिपोर्ट्स को भारत स्थित एक कंपनी से रिव्यू करवाती थीं जो कि अमेरिकी बीमा नियमों के खिलाफ था। अमेरिकी सरकार ने 2013 में आरोप लगाया था कि कार्डियोनेट ने मरीजों के ईसीजी और हेल्थ मॉनिटरिंग डाटा तक भारतीय कंपनी को पहुंच दे दी थी जिसके आधार पर वह मरीजों का रिव्यू और एनालिसिस करती थी।

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