अमेरिका की दो कंपनियों ने भारत की एक कंपनी की मदद से मरीजों के दिल संबंधी स्वास्थ्य रिकॉर्ड में धांधली के आरोप कबूल कर लिए हैं और भारी-भरकम मुआवजा देने को राजी हो गई हैं। पेंसिलवेनिया स्थित बायो टेलिमेट्री आईएनसी और कार्डियो नेट एलएलसी को बतौर मुआवजा 44.8 मिलियन डॉलर (लगभग 370 करोड़ रुपये) देने होंगे।
दरअसल बायो टेलिमेट्री और कार्डियोनेट अमेरिका में बुजुर्ग मरीजों के दिल की जांच करके उनकी रिपोर्ट्स को भारत स्थित एक कंपनी से रिव्यू करवाती थीं जो कि अमेरिकी बीमा नियमों के खिलाफ था। अमेरिकी सरकार ने 2013 में आरोप लगाया था कि कार्डियोनेट ने मरीजों के ईसीजी और हेल्थ मॉनिटरिंग डाटा तक भारतीय कंपनी को पहुंच दे दी थी जिसके आधार पर वह मरीजों का रिव्यू और एनालिसिस करती थी।