भारत की अध्यक्षता में जी20 के वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक गुरुवार को बेंगलुरू में शुरू हो गई। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संबोधन में दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों का जिक्र किया और वैश्विक मौद्रिक प्रणाली में स्थिरता, अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को पटरी पर लाने का आह्वान किया। बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर जमकर बरसीं।
भारत की जी20 अध्यक्षता में यह पहली मंत्री-स्तरीय वार्ता है। इसमें जी20 के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों के अलावा आमंत्रित सदस्य और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। इस दो दिवसीय बैठक में 72 प्रतिनिधिमंडल शामिल हैं। बैठक में विकासशील व गरीब देशों पर बढ़ते कर्ज, क्रिप्टो करंसी और वैश्विक विकास दर को लेकर चिंताओं पर चर्चा हो रही है।
भारतीय पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को सदी में एक बार होने वाला तगड़ा झटका दिया है। कई देश विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अभी भी इसके प्रभावों से जूझ रही हैं। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भू-राजनैतिक तनाव बढ़ रहा है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान आ गया है। बढ़ती कीमतें और खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा दुनिया भर में चिंता की प्रमुख वजह बन गई हैं। यहां तक कि कई देशों की वित्तीय क्षमता अस्थिर ऋण से खतरे में आ गई है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की आबादी 8 अरब को पार कर गई है लेकिन सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति धीमी होती दिख रही है। हमें जलवायु परिवर्तन और उच्च ऋण स्तर जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने के लिए सामूहिक रूप से मिलकर काम करने की जरूरत है। बैठक में भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरंसी को रेग्युलेट करने के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क बनाने पर जोर दिया।
बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री जैनेट येलन ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दुनिया की खाद्य और ऊर्जा व्यवस्थाओं के 'शस्त्रीकरण' का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे न केवल यूक्रेन बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था और खासतौर से विकासशील देशों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बैठक में मौजूद रूसी अधिकारियों से कहा कि पुतिन का साथ देकर वो भी उनके गलत कामों में हिस्सेदार बन गए हैं। बैठक में रूसी वित्त मंत्री और वहां के केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल नहीं हुए बल्कि अपने डिप्टी को भेजा।