भारत आज अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। वास्तव में यह अब तक के सफर को प्रतिबिंबित और आत्मनिरीक्षण करने का समय है। हमें इस पर भी विचार करना होगा कि आने वाले वर्षों और दशकों में भारत कहां तक पहुंचेगा। जिन महापुरुषों ने हमारी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और उपनिवेशवाद की दीवारों को तोड़ा, उन्हें सभी लोगों के बेहतर भविष्य की उम्मीद थी। भारत को आजादी से पहले सदियों तक लूटा गया। हालांकि आजादी के बाद पिछले 75 सालों में अतीत से सबक लेकर आगे बढ़ने के सचेत प्रयास किए गए हैं।
स्वतंत्रता पर अपने प्रसिद्ध भाषण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा, "कई सालों पहले हमने नियति के साथ एक वादा किया था और अब समय आ गया है कि हम अपना वादा निभाएं, पूरी तरह न सही पर बहुत हद तक तो निभाएं। आधी रात के समय जब दुनिया सो रही होगी, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा। ऐसा क्षण आता है, मगर इतिहास में विरले ही आता है, जब हम पुराने से बाहर निकल नए युग में कदम रखते हैं। जब एक युग समाप्त हो जाता है, जब एक देश की लम्बे समय से दबी हुई आत्मा मुक्त होती है।"