भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित ब्रिटिश दूतावास और यूके के उच्चायुक्त के घर के बाहर सुरक्षा के लिए लगाए गए बैरिकेड्स बुधवार को हटा दिए गए। लंदन में भारतीय मिशन पर खालिस्तान समर्थकों के हमले के बाद यह कार्रवाई सामने आई है। ब्रिटिश मिशन की सुरक्षा में कटौती के इस कदम को भारत की तरफ से 'जैसे को तैसा' जवाब की तरह देखा जा रहा है। भारत की इस कार्रवाई के बाद लंदन में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई। ब्रिटिश अधिकारियों ने वहां बैरिकेड लगा दिए और भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया। ये अतिरिक्त सुरक्षा आगामी तीन दिनों तक रहेगी, ऐसा बताया गया है।
PCR,Barricades and Security removed from British High Commission Delhi
— Sumant Arora (@Sumant_arora_) March 22, 2023
#BritishHighCommission pic.twitter.com/Pohhsat8Gi
भारत के पंजाब राज्य में खालिस्तान समर्थक नेता और वारिस पंजाब दे के नेता अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर पुलिस के शिकंजा कसने के बाद 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला हुआ था। खबरों के मुताबिक, भारतीय मिशन ने अपनी खुफिया जानकारी के आधार पर ब्रिटिश अधिकारियों को पहले ही आगाह कर दिया था कि उच्चायोग के सामने जिस विरोध प्रदर्शन की इजाजत उनकी तरफ से दी गई है, वह हिंसक हो सकता है। इसके बाद भी कथित रूप से कोई कदम नहीं उठाया गया।
Heavy security near the Indian High Commission in London. Around 17-20 police vans , a few dozen officers. Protests planned for this afternoon. @the_hindu pic.twitter.com/cHl8VJ2zZA
— Sriram Lakshman (@slakster) March 22, 2023
यही नहीं, जब खालिस्तान समर्थक लंदन में भारतीय मिशन की इमारत के शीशे तोड़ रहे थे और इमारत पर चढ़कर भारतीय तिरंगा उतार रहे थे, तब भी वहां ब्रिटिश पुलिस मौजूद नही थी। पुलिस काफी देर बाद वहां पहुंची थी। इसे लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त को बुलाकर कड़ा विरोध जताया था और खालिस्तान समर्थकों को मिशन परिसर में घुसने की छूट देने, ब्रिटिश सुरक्षा की पूरी तरह अनुपस्थिति के लिए ब्रिटेन से स्पष्टीकरण मांगा था।
इसके बाद भारत ने आगे कार्रवाई करते हुए बुधवार को नई दिल्ली में चाणक्यपुरी के राजनयिक एन्क्लेव पर स्थित ब्रिटिश मिशन के बाहर लगे अवरोधक हटा दिए। इसके अलावा राजाजी मार्ग पर ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस के आवास से भी अवरोधकों को हटा दिया गया है। हालांकि मिशन में तैनात सुरक्षाकर्मियों की संख्या में कमी किए जाने की खबर नहीं है।
खबरों के अनुसार, भारत सरकार इस बात से बेहद खफा है कि खुफिया जानकारी देने के बावजूद यूके सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की और मिशन पर हमला हो गया। हालांकि ब्रिटिश उच्चायोग ने बैरिकेड्टस हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि हम सुरक्षा मामलों पर टिप्पणी नहीं करते।
इससे पहले दिसंबर 2013 में दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के साथ भी ऐसा ही हुआ था। न्यूयॉर्क में भारतीय राजदूत देवयानी खोबरागड़े को एक भारतीय घरेलू कामगार के कथित शोषण से संबंधित वीजा धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद भारत सरकार ने दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के बाहर सुरक्षा घटाते हुए सीमेंट के ब्लॉक और बैरिकेड हटवा दिए थे।