अयोध्या स्थित राम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा के लिए 8 फीट लंबा सोने से मढ़ा संगमरमर का सिंहासन जल्द ही लगने वाला है। राजस्थान के कारीगरों द्वारा सिंहासन तैयार किया जा रहा है। यह 15 दिसंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा के अनुसार, संगमरमर का सिंहासन मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होगा। गर्भगृह में रखा जाने वाला यह सिंहासन आठ फुट ऊंचा और चार फुट चौड़ा होगा।
Carvings inside Shri Ram Janmabhoomi Mandir.
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) October 28, 2023
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भीतर नक्काशी का कार्य pic.twitter.com/sFfUbWLBHv
अनिल मिश्रा के मुताबिक भक्तों ने मंदिर के लिए भारी मात्रा में सोने और चांदी की वस्तुओं को भी दान किया है। इनमें सोने-चांदी के सिक्के और ईंटें शामिल हैं। उन्होंने कहा, दान की गई वस्तुओं को सुरक्षित रखने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें एक ठोस ब्लॉक में पिघलाकर सुरक्षित रखा जाएगा। यह कार्य एक प्रतिष्ठित संस्था के मार्गदर्शन में किया जाएगा।
जय सियाराम!
— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2023
आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे। उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है।
मैं खुद को बहुत धन्य महसूस कर रहा… pic.twitter.com/rc801AraIn
मिश्रा का कहना है कि मंदिर के निर्माण कार्य में तेजी आई है और श्रमिकों की संख्या भी इसके हिसाब से बढ़ी है। राम मंदिर के भूतल पर हर हाल में 15 दिसंबर तक काम पूरा हो जाएगा। उन्होंनें बताया कि अब तक पहली मंजिल पर 80% काम पूरा हो गया है। गर्भगृह का निर्माण और परिक्रमा मार्ग का फर्श का काम भी पूरा हो गया है। वर्तमान में गृह मंडप के तल पर संगमरमर बिछाने का काम किया जा रहा है। सीढ़ियों के साथ अन्य स्थानों पर फर्श का काम चल रहा है।
तीनों फ्लोर की छत का काम भी किया जा रहा है और सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं। राम मंदिर की बाहरी दीवार के प्रवेश द्वार का काम भी अंतिम चरण में है। यह नवंबर के अंत तक हो जाएगा, जबकि पहली मंजिल पर कुल 19 में से 17 खंभे भी लगाए जा चुके हैं। रामलला की प्रतिमा अगले साल 22 जनवरी को भारतीय प्रधान मंत्री मोदी द्वारा एक ऐतिहासिक समारोह में स्थापित की जाएगी।